अगर जियो का टावर लगाया तो जमीन पर लेट जाएंगे” कांग्रेस की शहर सरकार के विरोध में जनता के साथ उतरीं एमआईसी मेंबर

 कहा-जरूरत पड़ी तो सीएम तक जाउंगी

 स्टे नहीं लाए तो प्रशासन खुद खडे़ हो लगवाएगा टावरभिलाई :  छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला अंतर्गत भिलाई के साकेत नगर कोहका क्षेत्र में जियो का 5G टावर लगाने के विरोध में मोहल्ले के लोगों के साथ निगम भिलाई की एमआईसी मेंबर भी आज सड़क पर आ गईं। उन्होंने यहां तक कहा कि स्थानीय जनता के समर्थन में वो इस आंदोलन‌ में उतरी हैं और सीएम तक भी जाना पड़ा तो वो जाएंगी। आज मौके पर भारी गहमा गहमी और जमकर बवाल हुआ।जियो कंपनी के लोगों ने कहा कि उन्होंने टॉवर लगाने के लिए भिलाई निगम और दुर्ग कलेक्टर से अनुमति ली है। सूचना मिलते ही वहां एमआईसी मेंबर रीता सिंह गेरा और उनकी महिला सशक्तिकरण टीम भी जनसमर्थन में वहां पहुंच गईं और यहां जमकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। एमआईसी मेंबर रीता सिंह गेरा और रमेश सिंह के विरोध प्रदर्शन को देखकर वहां भिलाई नायब तहसीलदार क्षमा यदु और सुपेला थाना पुलिस भी पहुंच गई।उन्होंने विरोध प्रदर्शन को दबाने और लोगों को समझाने का पूरा प्रयास किया लेकिन लोग नहीं माने। उन्होंने कहा कि यदि जबरदस्ती टॉवर खड़ा किया गया तो वो लोग जमीन पर लेट जाएंगे। जो भी जानमाल का नुकसान होगा उसके लिए जिला प्रशासन जिम्मेदार होगा।काफी विरोध के बाद नायब तहसीलदार क्षमा यदु ने कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा से बात की। कलेक्टर ने कहा विरोध करने वाले लोग टावर लगाने के खिलाफ स्टे आर्डर लेकर आ जाएं, यदि ऐसा नहीं हुआ तो पुलिस और जिला प्रशासन मिलकर टावर को खड़ा कराएगा। नायब तहसीलदार क्षमा यदु ने कहा कि टॉवर लगाने का काम पूरे नियम के तहत हो रहा है। कलेक्टर दुर्ग और निगम से इसके लिए अनुमति दी गई है। इससे जो रेडिएशन निकलेगा, उससे लोगों को कोई नुकसान नहीं है। यह देखते हुए टावर लगाने की अनुमति दी गई है। अगर विरोध कर रहे लोग स्टे नहीं लाते तो प्रशासन स्वयं खडे़ हो टावर लगवाएगा।वहीं दूसरी तरफ विरोध प्रदर्शन करने पहुंची एमआईसी मेंबर रीता सिंह गेरा ने अपनी नगर सरकार के फैसले को गलत बताया। उन्होंने कहा यदि किसी कालोनी में आजीविका चलाने के लिए दुकान खोलनी होती है तो निगम नियम कायदे की बात करता है, आज यहां टावर खड़ा होना है तो बिना रेडिएशन के खतरे को जांचे अनुमति दी जा रही है। उन्होंने कहा कि इस आदेश का वो पूरी तरह से विरोध करती हैं। इसे लेकर वो खुद महापौर नीरज पाल से बात करेंगी और जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री के पास भी जाएंगी और आबादी क्षेत्र के अंदर किसी भी कीमत में टावर खड़ा नहीं होने दिया जाएगा।