फर्जीवाड़ा कर गैर की जमीन के दस्तावेज अपने नाम करने और इन दस्तावेजों के आधार पर बैंक से लोन लेने के आरोपी को ढ़ाई साल बाद पुलिस ने अपने कब्जे में लिया है। फरार आरोपी की गिरफ्तारी पर पुलिस ने 3 हजार रु. का इनाम भी घोषित कर रखा था। आरोपी ने जमीन को बंधक रख कर दुर्ग-राजनांदगांव ग्रामीण बैंक से 6 लाख 25 हजार रु. का लोन ले लिया था। लोन अदायगी के लिए बैंक द्वारा जारी नोटिस जमीन के वास्तिविक मालिक को मिलने पर इस फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ था। आरोपी को न्यायायिक अभिरक्षा के तहत जेल भेज दिया गया है।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला थाना अम्लेश्वर का है। रनचिरई निवासी रूपेश जोशी (40 वर्ष) को दुर्ग राजनांदगांव ग्रामीण बैंक की अम्लेशवर शाखा से बैंक की लोन राशि की अदायगी के संबंध में नोटिस प्राप्त हुआ था। नोटिस में उनकी ग्राम सांकरा (गुडरदेही) स्थित 2.67 हेक्टर जमीन को बंधक रख कर 6 लाख 25 हजार रु. का लोन लिए जाने की जानकारी थी। रुपेश जोशी द्वारा वास्तव में बैंक से लोन नहीं लिया गया था। पड़ताल में खुलासा हुआ कि रुपेश जोशी के गुम जमीन के कागजातों के आधार पर भंडारपुरी (आरंग) निवासी रुपेश गुरु (32 वर्ष) ने फर्जी ऋण पुस्तिका बनवा ली थी और इसके आधार पर बैंक से लोन ले लिया था। जिसके बाद पुलिस में मामले की शिकायत की। पुलिस ने आरोपी रुपेश गुरु के खिलाफ दफा 420, 467, 468, 471 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर मामले को विवेचना में लिया था।
इस मामले में जमानतदार बोरसी कला (माना), रायपुर निवासी लिनेश्वर जोशी को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया था, लेकिन मुख्य आरोपी रुपेश गुरु पुलिस की पकड़ से दूर था। पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी पर 3 हजार रु. का इनाम भी घोषित किया था। लगभग ढाई साल बाद पुलिस को सूचना मिली रुपेश गुरु अपनी बहन के घर चंगोरीभाठा (रायपुर) में रह रहा है। सूचना के आधार पर पुलिस ने मौके से उसे गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। जहां से उसे न्यायायिक अभिरक्षा के तहत जेल भेज दिया गया है।