चोटी कटवा कांड की आड़ में की पत्नी की हत्या, आरोपी को मिली जीवन भर कैद की सजा

देश में चोटी कटवा के सक्रीय होने की अफवाह की आड़ लेते हुए अपनी पत्नी की हत्या करने के आरोपी को न्यायालय द्वारा उम्रकैद की सजा से दंडित किया गया है। आरोपी ने पत्नी द्वारा आए दिन किए जा रहे कलह से परेशान होकर यह कदम उठाया गया था। सुपेला थाना के इस मामले में न्यायाधीश विवेक कुमार तिवारी ने आरोपी पति को हत्या को दोषी करार देते हुए फैसला सुनाया। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से अति. लोक अभियोजक फरिहा अमीन ने पैरवी की थी।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। पत्नी की गला घोंटकर हत्या किए जाने की जाने की यह वारदात 14 दिसंबर 2017 को कोहका क्षेत्र के गांधी कालोनी में हुई थी। आरोपी सुमेश्वर साहू (30 वर्ष) का विवाह कुथरैल निवासी यामिनी साहू (25 वर्ष) के साथ घटना के कुछ माह पूर्व 2 मई 2017 को हुआ था। विवाह के बाद पति-पत्नी के बीच संबंध ठीक नहीं थे। यामिनी प्राय: सुमेश्वर का अन्य किसी महिला के साथ संबंध होने का शक कर विवाद करती रहती थी। जिससे सुमेश्वर परेशान था। जिसके चलते उसने पत्नी की हत्या की योजना बनाई। इस दौरान देश में महिलाओं की चोटी काटने वाले गिरोह के सक्रीय होने की अफवाह जोरों पर थी। घटना की रात लगभग 2 बजे वह काम से घर लौटा और सो रही यामिनी के गले में गमछा बांध कर उसका गला घोंट दिया। जिसके बाद इस घटना में चोटी कटवा गिरोह का हाथ होने का संदेह पैदा करने कैंची से उसकी चोटी काट दी। जिसके बाद अपने परिजनों को यामिनी की मौत हो जाने की जानकारी दी। चोटी काटने के लिए उपयोग में लाई गई कैंची को आरोपी ने मुरुम खदान में फेंक दिया और गमछा अपना बैग में रख दिया। सुबह लगभग 4 बजे घटना की शिकायत सुपेला थाना में की गई। सुपेला पुलिस ने मर्ग कायम कर प्रकरण को विवेचना में लिया था। मौका मुआयना करने के बाद हत्या का मामला दर्ज किया गया।
इस मामले में पुलिस द्वारा आरोपी के लिए गए बयान के दौरान ही वह टूट गया और पुलिस के सामने अपनी पत्नी की हत्या करना स्वीकार कर लिया। जिसके बाद पुलिस ने प्रकरण को दफा 302, 304 बी, 201 के तहत पंजीबद्ध कर विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था। प्रकरण पर विचारण पश्चात न्यायाधीश विवेक कुमार तिवारी ने आरोपी सुमेश्वर साहू को अपनी पत्नी की हत्या करने व साक्ष्य छुपाने का दोषी करार दिया। आरोपी को दफा 302 के तहत आजीवन कारावास व दफा 201 के तहत 3 वर्ष के कारावास से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया गया है।

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