मामूली विवाद को लेकर अपने पडौसी परिवार पर हमला करने के आरोपी 12 सदस्यों को हत्या के आरोप में न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास से दंडित किया गया है। विवाद दशरथ भारती परिवार की बहु द्वारा पडौसी परिवार की शिकायत किए जाने से उपजा था। सभी आरोपी आपस में रिश्तेदार है। लगभग साठे तीन साल पुराने इस मामले में पुलिस ने 13 सदस्यों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया था, एक आरोपी की प्रकरण पर विचारण के दौरान मौत हो गई थी। यह फैसला न्यायाधीश विजय कुमार साहू की अदालत में सुनाया गया है। अभियोजन पक्ष की ओर से अति. लोक अभियोजक नागेश्वर यदु ने पैरवी की थी।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। बलवा व हत्या की यह वारदात पुरानी भिलाई थाना क्षेत्र के ग्राम पथर्रा में 31 मार्च 2016 की रात घटित हुई थी। विवाद मामूली सी बात पर प्रारंभ हुआ था। ग्राम पथर्रा निवासी जगन्नाथ भारती अपने दोस्त राजू उर्फ अक्षय कुमार के साथ ग्राम के स्कूल से पानी भर कर लाया था। घर पहुंचने पर उसने राजू को नहाने के लिए पानी देने को कहा, जिससे राजू ने इंकार करते हुए कहा कि वह उसकी बीबी नहीं है, जो उसे पानी दे। इस बात को कोमल भारती की पत्नी निशा से सुन लिया और दोनों से मुझे अपनी पत्नी बोल रहे हो कह, विवाद करने लगी। समझाने पर विवाद शांत हुआ, लेकिन निशा ने अपने ससुर दशरथ भारती व पति कोमल के साथ ससुराल पक्ष से इस बात की शिकायत कर दी। जिसके बाद उसके सुसराल पक्ष रात लगभग 8.30 बजे जगन्नाथ भारती के घर के सामने जाकर हमारी बहु को क्या बोले कह कर विवाद करने लगा। इसी दौरान संजय, करण, नहुस भारती ने मिलकर लल्लू उर्फ दीपक भारती की पिटाई कर दी। इसकी शिकायत लल्लू ने पुलिस में कर दी थी।
लल्लू द्वारा पुलिस में शिकायत किए जाने की जानकारी मिलने पर निशा का सुसराल पक्ष आक्रोशित हो गया और जगन्नाथ भारती के घर पर धावा बेल दिया। दशरथ भारती के नेतृत्व में किए गए हमले में आरोपी लाठी, डंडे व फरसा से लैस थे। आरोपियों के उग्र तैवर देख कर जगन्नाथ के साथ विशाल, धनेश्वर, टेटे उर्फ संगीत, राहुल, गणेश भारती घर के पीछे से स्कूल की तरफ बचाव करने भागे। स्कूल की चारदीवारी को सदस्य पार कर भगा गए। जबकि गणेश चारदीवारी पार नहीं करने में असफल रहा और आरोपियों की सपड़ में आ गया। आरोपियों ने गणेश की लाठी, डंडे व फसरा से वार कर गंभीर रुप से घायल कर दिया। लगभग एक घंटे बाद गणेश के रिश्तेदारों ने मौके पर पहुंच कर घायल को उपचार के लिए अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले में पुलिस ने 13 आरोपियो के खिलाफ बलवा और हत्या का अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण के पश्चात न्यायाधीश विजय कुमार साहू ने सभी आरोपियों को बलवा और हत्या का दोषी माना। आरोपी दशरथ भारती (65 वर्ष), बाखरी भारती (60 वर्ष), कोमल भारती (29 वर्ष), नहुस भारती (36 वर्ष), करण भारती (26 वर्ष), संजय भारती (35 वर्ष), पंचूराम टंडन (36 वर्ष), अमित टंडन (32 वर्ष), मेघनाथ टंडन (42 वर्ष), अविनाश टंडन (23 वर्ष), मनीष टंडन (20 वर्ष), अमोल दास टंडन (21 वर्ष) 12 आरोपियों को दफा 320 के तहत आजीवनकारावास तथा दफा 148, 149 के तहत 2-2 वर्ष के कारावास से दंडि़त किया गया है। इस मामले के 13 वें आरोपी टुम्मन लाल टंडन की प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने के दौरान मृत्यु हो गई थी।