931 रु. करोड़ के फर्जी चालान काट कर 127 करोड़ रुपए का शासन को चूना लगाने के आरोप में दो कारोबारियों के खिलाफ जीएसटी इंटेलिजेंस द्वारा कार्रवाई की गई है। इन्होंने 931 करोड़ रु. मूल्य के कर योग्य फर्जी चालान काटे गए थे। आरोपियों ने फर्जी कंपनियों का गठन कर और अपने कर्मचारियों के नाम से यह फर्जीवाड़ा किया था। दोनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
नई दिल्ली। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) व हरियाणा की गुरुग्राम जोनल यूनिट (जीजेडयू) द्वारा पिछली 7 अक्टूबर को यह कार्रवाई की गई है। इस फर्जीवाड़ा के लिए जिम्मेदार गुलशन ढींगरा निवासी रमेश नगर, नई दिल्ली और संजय ढींगरा निवासी पंजाबी बाग, नई दिल्ली है। इन दोनों व्यक्तियों को 931 करोड़ रुपये मूल्य के कर योग्य फर्जी चालान रैकेट और विभिन्न कंपनियों की वेब श्रृंखला के माध्यम से 127 करोड़ रुपये की राशि के धोखाधड़ी पूर्ण इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाने के कृत्य में लिप्त पाया गया है। इनके नियंत्रण में कई कंपनियां थीं और उन्होंने अपने कर्मचारियों, फर्जी व्यक्तियों के नाम पर अलग-अलग कंपनियां बनाई गई थी। ये व्यक्ति फेरस, नॉन-फेरस स्क्रैप, सिल्लियां, निकल कैथोड आदि सामानों की वास्तविक आवाजाही के बिना ही नकली चालान बना रहे थे, जिससे जीएसटी चोरी के कारण सरकारी खजाने को घाटा पहुंचा रहे थे। उन्होंने अपनी जीएसटी देयता के निर्वहन के लिए धोखाधड़ी पूर्ण आईटीसी का लाभ उठाया और ऐसे धोखाधड़ी पूर्ण आईटीसी को आगे खरीदारों को पास कर दिया। उन खरीदारों ने इस आईटीसी का सरकारी खजाने से धोखाधड़ी करने के उद्देश्य से अपनी बाहरी आपूर्ति के सापेक्ष इसका जीएसटी देयता का निर्वहन करने में उपयोग किया। जांच के दौरान, इनके कर्मचारियों व फर्जी व्यक्तियों ने इन सामानों के लेनदेन की जानकारी होने से इंकार किया।
जांच में पाया गया कि गुलशन ढींगरा और संजय ढींगरा ने केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम (सीजीएसटी), 2017 की धारा 132 (1)(बी) और (सी) के प्रावधानों के तहत अपराध किए हैं, जो सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132 के तहत संज्ञेय, गैर-जमानती और दंडनीय अपराध हैं। गुलशन ढींगरा और संजय ढींगरा को 7 अक्टूबर को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69 (1) के तहत गिरफ्तार किया गया और गुरुग्राम कोर्ट में न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें न्यायायिक हिरासत के तहत जेल भेजे जाने का आदेश दिया है।