तंत्र-मंत्र : सिद्धी पाने शख्स ने स्वंय कराया अपना सिर कलम, फिर जीवित होने का किया था दावा

नई दिल्ली। तंत्र-मंत्र के चक्कर में पड़कर प्रयागराज के एक शख्स ने अपनी ही गर्दन कटवा ली। मृतक को यकीन था कि वो फिर से दैवीय शक्ति से जिंदा हो जाएगा। करछना के गधियांव गांव में छह दिन पहले हुई आशीष दीक्षित की हत्या में हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस का दावा है कि उसने सिद्धि पाने के लिए खुद ही अपना कत्ल कराया था। कत्ल करने वाले दोस्त को गिरफ्तार कर लिया गया है।

नैनी के नंदन तालाब निवासी आशीष की 10 दिसंबर की रात हत्या कर दी गई थी। भाई रवि दीक्षित ने शक के आधार पर प्रॉपर्टी डीलर मुकेश पाल को नामजद कराया था। हालांकि काफी पूछताछ के बाद भी घटना में उसकी संलिप्तता की बात सामने नहीं आई। एसीपी करछना अजीत सिंह चौहान के नेतृत्व में पुलिस व एसओजी को खुलासे के लिए लगाया गया था। सर्विलांस व अन्य माध्यमों से नितिश सैनी निवासी निरंजनपुर, थाना लक्सर, हरिद्वार का नाम सामने आया। पुख्ता सबूत मिलने के बाद उसे गुरुवार को हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया गया। साथ ही घटना में प्रयुक्त चापड़ भी बरामद कर लिया गया।

पुलिस के मुताबिक, नितिश ने बताया कि वह पांच-छह महीने पहले हर की पैड़ी में गंगा स्नान के दौरान आशीष से मिला था। वह एक फार्मा कंपनी में हेल्पर था। आशीष ने पूजा पाठ व दैवीय शक्ति के जरिये उसका भविष्य अच्छा करने का आश्वासन देकर उसे अपने झांसे में ले लिया। जिस पर वह घर छोड़कर उसके साथ हरिद्वार में किराये के कमरे में रहने लगा। दोनों वाराणसी, कानपुर के बाद प्रयागराज आकर लीडर रोड स्थित होटल में रुके और आठ दिसंबर को विंध्यवासिनी धाम जाकर दर्शन किया और वहां से लौटने लगे।

पुलिस अफसरों के मुताबिक, इसके बाद नितिश ने जो खुलासा किया, उसे सुनकर वह स्तब्ध रह गए। बताया कि पैसे खत्म होने की वजह से दोनों विंध्याचल से पैदल ही चलकर नौ दिसंबर को प्रयागराज-मिर्जापुर हाईवे के पास स्थित गधियांव पहुंचे। नितिश के मुताबिक, आशीष ने उससे कहा कि वह उसे मार दे, जिससे उसे सिद्धि मिल जाएगी और पुन: जीवित होकर दैवीय शक्तियां पाकर वह उसका जीवन बदल देगा। 

यह भी कहा कि पूजा-पाठ करने के बाद वह जमीन पर लेट जाएगा। इसके बाद अगर उसके शरीर में हलचल न हो तो चापड़ से गर्दन काटकर मार देना। साथ ही उसके खून से अपने माथे पर अभिषेक कर चापड़ व अन्य सामग्री गंगा में प्रवाहित कर देना। रेलवे स्टेशन पर पहुंचने पर अगर एक घंटे में वह न आए तो चले जाना। वह उससे हरिद्वार में आकर मिलेगा। इसके बाद उसने ऐसा ही किया और हरिद्वार चला गया।जांच में यह बात सामने आई है कि अंधविश्वास में उसने ऐसा किया।