दुर्ग (छत्तीसगढ़)। हजार मील लंबे सफर की शुरूआत एक छोटे से कदम से होती है। यह कथन सार्थक किया है थनौद की अमर स्वसहायता समूह की महिलाओं ने। शासन के प्रोत्साहन से उन्होंने हिचकते हुए 400 चूजों को लेकर मुर्गीपालन की एक यूनिट गौठान में शुरू की थी। सफलता मिलने पर उन्होंने शासन की मदद से मात्र 1,25,000 रुपए में हैचरी यूनिट डाल ली। इससे 6 माह मे लगभग 1,60,000₹ का शुद्ध लाभ कमाया और इसी तरह गाड़ाडीह मे भी जय माँ चंडी स्व सहायता समूह की महिलाओ ने भी हेचरी यूनिट लगाया 5 माह मे लगभग 1,08,000₹ का शुद्ध लाभ कमाया है।
समूह की महिलाओ ने बताया की चूजे 90 दिनों में बिकने योग्य हो जाते हैं मुर्गी को बाजार मे बेच देते है और उम्मीद है कि इसी तरह मुर्गी पालन के काम को आगे बढ़ाने से आय स्वसहायता समूह की महिलाओं को और अधिक होगी। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आजीविकामूलक गतिविधियों को बढ़ाने की मंशा है। इस संबंध में कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा के निर्देश पर सभी गौठानों में आजीविकामूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने कार्य किया जा रहा है। जिन गौठानों में यह कार्य सफलतापूर्वक हो रहा है वहां इन्हें अपग्रेड करने की दिशा में कार्य हो रहा है। सभी हेचरी यूनिट को सहायता करने पर बहुत अच्छा रिस्पांस मिला। इन महिलाओं के उद्यम को प्रोत्साहित किया गया और आगे भी कार्य करने के लिए कहा गया। परिणाम बहुत अच्छे आये हैं और समूह का आर्थिक लाभ तेजी से बढ़ रहा है ।
समूह की अध्यक्ष पूर्णिमा धनगर ने बताया कि हम सब बहुत खुश हैं। पहले तो हम लोगों ने हिचकते हुए काम शुरू किया। जिला प्रशासन व पशुधन विकास विभाग के अधिकारियों का बहुत सहयोग मिला। लगातार तकनीकी मार्गदर्शन मिलता रहा और आज हम इतने अच्छे से कार्य कर पा रहे हैं। बहुत अच्छा लग रहा है। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला नोडल अधिकारी श्री मोहित कामले ने बताया कि जिला पंचायत सीईओ सर एवं कलेक्टर सर के मार्गदर्शन व निर्देश पर सभी मुर्गी पालन कर रहे shg को तकनीकी मार्गदर्शन से महिलाएं बहुत अच्छा काम कर रही हैं और इसे बड़े स्तर पर काम करने की सलाह दी जा रही है।हम मुर्गीपालन के लिए जरूरी तमाम सावधानी उन्हें बता रहे हैं। इसका उपयोग करने से चूजों को सुरक्षित रखने में मदद मिल रही है।
54 गौठानों में चल रहा मुर्गीपालन
जिले के 54 गौठानों में मुर्गीपालन का कार्य हो रहा है। गौठानों के मुर्गीपालन यूनिट को तेजी से अपग्रेड किया जा रहा है। गौठानों में 6 हैचरी यूनिट भी आरंभ की गई है।हेचरी यूनिट थनौद, गाड़ाडीह, बोरी, संडी, खम्हरिया व कपसदा में स्थापित किया गया है इन यूनिटो मे जिस लेवल का काम हुआ है उससे स्वसहायता समूहों की महिलाओं ने अपने आपको बड़े फार्म यूनिटों की बराबरी में खड़ा कर दिया है और अभी तो ये शुरूआत ही है।