दुर्ग (छत्तीसगढ़)। प्रदेश में जारी लगातार बारिश का असर शिवनाथ नदी के जलस्तर पर पड़ रहा है। सीमावर्ती जिलों के जलाशय मोगरा, घुमरिया, खरखरा, सूखा नाला और तांदुला जलाशयों से पानी छोड़े जाने के कारण जलस्तर की स्थिति और भी भयावह हो गई। नदी को दोनों किनारों पर मौजूद बस्तियों, खेतों व प्रतिष्ठानों को नदी के उफान ने अपने आगोश में ले लिया है। इसका असर आवागमन भी पड़ा है।
प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार शाम 3.30 बजे तक मोगरा, घुमरिया, खरखरा, सूखा नाला से कुल 12,200 क्यूसिक पानी छोड़ा जा रहा है। वहीं तांदुला से 12000 व खरखरा से 9,000 क्यूसिक पानी छोड़ा जा रहा है। शिवनाथ नदी में आए उफान के कारण केपीएस स्कूल, टाटा मोटर्स, महेन्द्रा ट्रेक्टर, वृंदावन, रोमन पार्क, कैफेटेरिया, रिवर व्यू, जलाराम वाटिका, पंचवटी मांगलिक भवन, पुलगांव चौक स्थित पैट्रोल पंपों में घुटनों तक पानी बह रहा है। राजनांदगांव, गंजपारा चौक से नदी और महमरा रोड पर आवागमन को जल भराव के कारण रोक दिया गया है। बाढ़ की स्थिति से निपटने प्रशासन ने भी कवायद प्रारंभ कर दी है। नदी किनारे मौजूद गांवों और कालोनी वासियों से सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की जा रही है।
शिवनाथ नदी के उफान का असर नदी तट पर मौजूद नगर निगम के पंप हाउस पर भी पड़ा है। जल भराव के कारण जलापूर्ति में बाधा न आए, इसके लिए कर्मचारियों की नियुक्ति की जा रही है। स्थिति का जायजा लेने विधायक अरुण वोरा, महापौर धीरज बाकलीवाल के साथ नदी किनारे पहुंचे और अधिकारियों को स्थिति से निपटने और नागरिकों को असुविधा से बचाने आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। इस दौरान जलकार्य विभाग संजय कोहले, पार्षद मनीष साहू, कमल देवांगन, राजेश शर्मा, कुलेश्वर साहू साथ में मौजूद थे।