मंदबुद्धि नाबालिग के साथ घर में घुसकर बनाए संबंध, अदालत ने युवक को किया कुल 13 साल के कारावास से दंडित

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। घर में अकेली मंदबुद्धि नाबालिग के साथ घर में घुसकर जबरिया शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी के खिलाफ अदालत ने फैसला सुनाया है। अभियुक्त को विभिन्न धाराओं के तहत कुल 13 वर्ष के कारावास से दंडित किया गया है। अभियुक्त को 2500 रुपए के अर्थदण्ड से दंडित भी किया गया है। यह फैसला आज विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सरिता दास की अदालत में सुनाया गया है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा ने पैरवी की थी।

मामला पुलगांव थाना क्षेत्र का है। थाना क्षेत्रांतर्गत एक गांव की लगभग 17 साल की किशोरी 19 अगस्त 19 की दोपहर अपने घर की परछी में सो रही थी। किशोरी मंदबुद्धि भी है। इसी दौरान गांव का ही युवक देवनारायण साहू उसके घर पहुंचा और किशोरी को उपर के कमरे में ले जाकर शारीरिक संबंध बनाए। इस घटना की जानकारी पीड़िता ने काम से घर लौटने पर अपनी मां को दी। जिसके बाद मामले की शिकायत पुलगांव थाना में दर्ज कराई गई। मामले के आरोपी को पुलिस ने घटना के चार माह पश्चात 7 दिसंबर 2019 को गिरफ्तार कर विवेचना बाद प्रकरण को अदालत के समक्ष विचारण के लिए प्रस्तुत किया।
पुलिस कार्रवाई करने में करती रही टाल-मटोल
अदालत में विचारण के दौरान यह जानकारी भी सामने आई कि पुलगांव पुलिस शिकायत के बाद आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने में टाल-मटोल करती रही। प्रारंभ में पीड़ित पक्ष को इस प्रकार की किसी प्रकार की घटना न होने का हवाला देते हुए, वापस रवाना कर दिया गया था। जिसके बाद अचानक चार माह बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
अदालत ने सुनाई सजा
प्रकरण पर विचारण पॉस्को एक्ट विशेष न्यायालय में किया गया। विचारण पश्चात किशोरी की मेडिकल रिपोर्ट तथा गवाहों के बयान के आधार पर अभियुक्त देवनारायण साहू (30 वर्ष) को दोषी करार दिया गया। अभियुक्त को मंदबुद्धि नाबालिग के साथ शारीरिक संबंध बनाने की धारा 376 के तहत 10 वर्ष के कारावास व घर में जबरिया प्रवेश करने के आरोप की धारा 450 के तहत 3 वर्ष के कारावास से दंडित किया गया है। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।