अंतर्जातीय विवाह करने के बाद अपनाने की जिद करने पर युवती को जिंदा जलाया, मां-बेटे को उम्रकैद

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मुस्लिम युवक से हिंदू रितीरिवाज से शादी करने के बाद ससुराल पक्ष पर अपनाने की जिद करना एक युवती को काफी भारी पड़ा। इस जिद से नाराज होकर युवक ने अपनी मां के साथ मिलकर युवती को जिंदा जला दिया। जिससे उसकी मौत हो गई। इस मामले में अदालत द्वारा आज फैसला सुनाया गया है। अदालत ने मां-बेटे को हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है। यह फैसला अष्टम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत में सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक प्रदीप नेमा ने पैरवी की थी।

मामला खुर्सीपार थाना क्षेत्र का है। लेबर कालोनी खुर्सीपार निवासी निधी ने मोहल्ले के सुभाष नगर ओम लाज के पीछे निवासी तबारक अली (25 वर्ष) के साथ अंतर्जातीय विवाह किया था। पंडित की उपस्थिति में नेहरू नगर में 18 फरवरी 2019 को विवाह संपन्न हुआ था। इस दौरान तबारक अली ने निधि से 10 हजार रुपए भी लिए थे। विवाह के बाद तबारक अली युवती को अपने घर ले जाने से इंकार करने लगा। निधि द्वारा लगातार उस पर अपनाने के लिए दवाब बनाया जा रहा था। इसी कारण निधि घटना दिनांक 12 मार्च 2019 को तबारक के घर ओम लाज के पीछे पहुंच गई थी। निधि की जिद से नाराज तबारक ने अपनी मां फातिमा बेगम (40 वर्ष) के साथ मिलकर उसपर पैट्रोल डाल कर जिंदा जला दिया। जिसकी जानकारी मिलने पर निधि के पिता रामकमल मौके पर पहुंचे और 112 की मदद से शत-प्रतिशत दग्ध अवस्था में अस्पताल पहुंचाया। जहां मरणासन्न बयान में पुलिस को बताया कि इस घटना को तबारक और उसकी मां फातिमा ने मिलकर अंजाम दिया है। उपचार के दौरान निधि की मौत हो जाने पर पुलिस ने आरोपी मां-बेटे के खिलाफ हत्या का अपराध पंजीबद्ध कर आरोपियों को गिरफ्तार कर प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण अष्टम अति. सत्र न्यायाधीश की अदालत में किया गया। प्रकरण पर विचारण पश्चात मृतका के मरणासन्न बयान तथा उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त तबारक अली (25 वर्ष) और उसकी मां फातिमा बेगम (40 वर्ष) को हत्या के आरोप में दोषी करार दिया। अभियुक्तों को दफा 302 के तहत आजीवन कारावास व 500-500 रूपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है।