दुर्ग (छत्तीसगढ़)। पडौस की किशोरी को शादी का झांसा देकर एक साल तक दैहिक शोषण करने के आरोपी युवक के खिलाफ अदालत ने फैसला सुनाया है। युवक को 20 साल के कारावास से दंडित किए जाने का निर्णय अदालत ने दिया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) विनोद कुमार देवांगन की अदालत ने सुनाया है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार साहू ने पैरवी की थी।
मामला बोरी थाना क्षेत्र का है। थाना क्षेत्र के एक गांव की 17 वर्षीय किशोरी को उसके पडौस में रहने वाले युवक मेश्राम यादव (29 वर्ष) ने अपने प्रेम जाल में फंसा लिया था। इसी दौरान युवक शादी का झांसा देकर किशोरी के साथ शारीरिक संबंध भी बनाने लगा था। यह सिलसिला 20 अक्टूबर 2019 से चल रहा था। 29 अप्रैल 2020 की रात युवक किशोरी के घर शारीरिक संबंध बनाने की नीयत से घुसा था, तभी किशोरी के भाई की नींद खुल गई। जिस पर युवक मौके से फरार हो गया। किशोरी से पूछताछ करने पर युवक द्वारा की जा रही हरकत का खुलासा हुआ है। जिसके बाद परिजनों द्वारा घटना की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई। पुलिस ने प्रकरण में अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी मेश्राम यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत में पेश किया गया।
मामले पर विचारण विशेष न्यायालय में किया गया। विचारण पर विशेष न्यायाधीश ने आरोपी को नाबालिग किशोरी के साथ दैहिक संबंध बनाने का दोषी करार दिया। अभियुक्त मेश्राम यादव (29 वर्ष) को दफा 376(2)(ढ) के तहत 20 वर्ष के कारावास व 500 रूपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है।