दुर्ग, 25 अप्रैल 2025// कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह के निर्देश पर जिला महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और बाल विवाह रोकथाम तथा नशे के विरुद्ध जागरूकता कार्यक्रम के तहत रैलियों और कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में बाल विवाह की समस्या को समाप्त करना और नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता फैलाना था।
कार्यक्रम के तहत पाटन विकासखण्ड के ग्राम छाटा और दुर्ग विकासखण्ड के ग्राम नगपुरा में कार्यशालाएं आयोजित की गई। इन कार्यशालाओं में सरपंच, सचिव, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, और ग्रामीणों को महिला एवं बाल विकास विभाग के पदस्थ श्रीमती सीता कनौजे और चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 के श्री आशीष साहू व श्रीमती भारती चौबे ने बाल विवाह रोकथाम, भिक्षावृत्ति, दत्तक ग्रहण, महिला उत्पीड़न, फास्टर केयर, और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

कार्यक्रम में बाल विवाह प्रतिबंध अधिनियम 2006 के तहत, 21 वर्ष से कम आयु के लड़के और 18 वर्ष से कम आयु की लड़की के विवाह को अवैध घोषित किया गया। इस अधिनियम के अनुसार, अगर कोई बाल विवाह करता है या उसकी मदद करता है तो उसे दो साल तक की सजा या एक लाख रुपए तक जुर्माना हो सकता है।
श्रीमती सीता कनौजे और आशीष साहू ने बताया कि अगर कोई बाल विवाह की सूचना प्राप्त करता है, तो वह 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन पर संपर्क कर सकता है। इस प्रकार की जागरूकता से बाल विवाह को खत्म करने में मदद मिल सकती है और एक सकारात्मक सामाजिक बदलाव लाया जा सकता है।
