दुर्ग, 25 अप्रैल 2025// प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय “आनंद सरोवर” बघेरा द्वारा हरनाबांधा मुक्तिधाम में एक दिवसीय जीवन यात्रा आध्यात्मिक चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी में मृत्यु और उसके पश्चात की यात्रा को लेकर गहरे आध्यात्मिक विचारों को चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी का उद्देश्य मानव जीवन की वास्तविकता, मृत्यु के बाद के जीवन और जीवन चक्रीय नियमों को समझाना था।
ब्रह्माकुमारी चैतन्य प्रभा बहन ने इस प्रदर्शनी के बारे में जानकारी देते हुए कहा, “मृत्यु जीवन का अंतिम सत्य है और इसका उद्देश्य मनुष्यों में मृत्यु के बारे में सही अवधारणा देना है।” प्रदर्शनी में यह समझाया गया कि मृत्यु जीवन का अंत नहीं, बल्कि एक नए जीवन की शुरुआत है। जैसे एक गेस्ट हाउस में कुछ समय रहकर छोड़ना पड़ता है, वैसे ही आत्मा भी शरीर छोड़कर एक नए शरीर में पुनर्जन्म लेती है।

इसके अलावा प्रदर्शनी में यह भी बताया गया कि इंसान जीवन के मूल्यवान हिस्से को समझे, क्योंकि स्थूल संपत्ति तो यहीं रह जाएगी, लेकिन पुण्य कर्मों की कमाई ही आत्मा के साथ जाएगी। ईश्वरी याद में रहकर हर कर्म करना जरूरी है, ताकि मृत्यु के समय हमारा जीवन अच्छा और पुण्य से भरा हो।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी मालती बहन, रेणुका बहन, लीला बहन समेत संस्था के कई भाई-बहनें इस आध्यात्मिक चित्र प्रदर्शनी में अपनी सेवाएं देने के लिए उपस्थित रहे।
