रायपुर (छत्तीसगढ़)। प्रदेशव्यापी भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दूसरे चरण के पहले दिन मुख्यमंत्री ने बुधवार को कोण्टा विधानसभा के कोण्टा क्षेत्र में पहुंचे थे। यहां पर मुख्यमंत्री से मिलने के लिए सुकमा जिले के सुदूर ग्राम मरईगुड़ा के ग्रामीण भी प्रदेश के मुखिया से भेंट करने पहुंचे थे। भेंट के दौरान मरईगुड़ा के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को अपने गांव की मिर्ची, अरहर और कपास के उत्पादन की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर पर बसे ग्रामीणों और किसानों के उत्साह को देखकर खुशी जाहिर की और मरईगुड़ा के सरपंच को बधाई भी दी।
कोण्टा में आयोजित भेंट मुलाकात कार्यक्रम में मरईगुड़ा सरपंच हपका मारा के साथ कोरसा अर्जुन, मड़कम नागेश, माड़वी लक्ष्मण, सुन्नम रत्यैया नाम के ग्रामीणों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलने के लिए आए थे। सरपंच के साथ आए ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को गांव में उत्पादित मिर्ची, कपास और अरहर के नमूने भी दिखाए।
बता दें कि सुकमा जिला मुख्यालय से 150 किलोमीटर दूर बसे मरईगुड़ा में कपास, मिर्च और अरहर की व्यापक खेती शुरू हो गई है। इन उत्पादों को ग्रामीण स्थानीय बाजार के साथ ही सीमावर्ती राज्य आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में विक्रय करते हैं। मरईगुड़ा कभी नक्सल हिंसा से प्रभावित गांव था लेकिन मुख्यमंत्री बघेल के प्रयास और राज्य की कल्याणकारी योजनाओं की वजह से यहां के किसान उन्नत खेती कर रहे हैं तथा भयमुक्त वातावरण में खुशहाल जीवन जी रहे हैं।