राजनांदगांव (छत्तीसगढ़)। खैरागढ़ विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में वोटिंग आज शाम 5 बजे खत्म हो गई। यहां के 78 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मतदान के बाद आए रूझानों से राज्य में सत्तारुढ़ कांग्रेस को एकतरफा जीत मिलती दिख रही है। वहीं पिछले बार इस सीट पर कब्जा जमाने वाली जनता कांग्रेस की जमानत बचना मुश्किल दिख रहा है। इस जीत के पीछे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा खैरागढ़ को जिला बनाए जाने की घोषणा को मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है।
बता दें कि खैरागढ़ विधायक देवव्रत सिंह के निधन के कारण इस विधानसभा के लिए उपचुनाव कराया गया था। आज मतदान के बाद मतगणना 16 अप्रैल को होगी। इस चुनाव में कांग्रेस अपनी प्रतिद्वंद्वी पार्टी भाजपि से हर मोर्चे पर भारी नजर आई। विधानसभा उपचुनाव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। मतदान के दौरान मतदाताओं के रुझान के मुताबिक खैरागढ़ सीट पर सत्ताधारी दल कांग्रेस की प्रत्याशी यशोदा वर्मा जीत रही हैं। छुईखदान समेत कुछ इलाकों में भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल टक्कर दे रहे हैं, लेकिन वो ऐसी लीड नहीं बना पाए रहे कि चुनाव जीत सकें। सबसे खराब स्थिति में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ है। पिछले विधायक देवव्रत सिंह इसी पार्टी से थे, लेकिन इस चुनाव में इसके प्रत्याशी नरेंद्र सोनी को जमानत बचाना कठिन हो रहा है।
वोटिंग के रूझान से लगता है कि कांग्रेस का नया जिला बनाने का दांव चल गया है। इस एक वादे के सहारे सत्ताधारी कांग्रेस जीत की ओर बढ़ गई है। अधिकांश मतदाताओं ने नये जिले के लिए मतदान की बात कही है। उनका कहना है कि कांग्रेस इस समय सरकार में है। उसने नया जिले बनाने का वादा किया है। उसे जनादेश मिले तो यह काम सत्ताधारी दल ही कर सकता है। दूसरे दल के साथ जाने का फिलहाल कोई फायदा नहीं दिख रहा है। साल्हेवारा क्षेत्र में भी मतदाताओं को नये जिले का फायदा समझ में आया है। इस क्षेत्र में कहा जा रहा है कि कांग्रेस की प्रत्याशी जीत गई तो उन्हें जिला मुख्यालय के काम के लिए 150-160 किमी राजनांदगांव जाने की मजबूरी से छुट्टी मिल जाएगी। इन इलाकों में कांग्रेस को बड़ी बढ़त मिलती दिख रही है।

