बिलासपुर (छत्तीसगढ़)। जिले में महिला उत्पीड़न संबंधी मामलों की सुनवाई आज जल संसाधन विभाग के सभाकक्ष में हुई। सुनवाई के दौरान बिजली विभाग का एक जूनियर इंजीनियर के नशे की हालत में पहुंचने की जानकारी सामने आई है। जूनियर इंजीनियर के खिलाफ विभाग की महिला कर्मी ने छेड़छाड़ व रुपए मांगे की शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें अपना पक्ष रखने के लिए जूनियर इंजीनियर को बुलाया गया था। महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आयोजित सुनवाई के दौरान 40 मामलों को रखा गया। जिसमें बिलासपुर के 30 और मुंगेली के 10 प्रकरण रखे गए। इनमें 15 मामलों में दोनों पक्ष के लोग उपस्थित थे और 12 मामलों की सुनवाई हुई। इसमें से चार प्रकरण को समाप्त कर दिया गया।
सुनवाई के दौरान जांजगीर-चांपा में बिजली विभाग के शराबी जूनियर इंजीनियर का पहुंचना चर्चा का विषय रहा। इसके खिलाफ परेशान महिला कर्मी ने महिला आयोग से इसकी शिकायत की है। सोमवार को बिलासपुर में सुनवाई के दौरान भी जूनियर इंजीनियर नशे की हालत में पहुंच गया। मामला जांजगीर के हसौद स्थित विद्युत वितरण कंपनी का है। आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने बताया कि महिला कर्मी ने अपनी शिकायत में बताया कि एमके ध्रुव जूनियर इंजीनियर है, जो शराब के नशे में दफ्तर आता है और महिला कर्मी से छेड़छाड़ कर अश्लील हरकत करता है। इसके साथ ही महिला ने उस पर रुपयों की मांग करने का भी आरोप लगाया है। शिकायत पर दोनों पक्षों को बुलाया गया था। जूनियर इंजीनियर ध्रुव सुनवाई के दौरान भी नशे की हालत में पहुंच गया था। इस दौरान उनसे जवाब मांगा गया, तब मुंह से आवाज तक नहीं निकल रही थी। इस पर उन्हें लिखित में पक्ष रखने के लिए कहा गया। तब जूनियर इंजीनियर ने ऐसा पत्र लिखा, जिसे आयोग की अध्यक्ष भी नहीं पढ़ पाईं। तब उन्हें स्पष्ट रूप से लिखित में जवाब देने कहा गया।
सुनवाई के दौरान महिला कर्मी से पूछा गया कि क्या उन्होंने विभाग में महिला आंतरिक परिवाद समिति के समक्ष शिकायत की है, तब उन्होंने कानून की जानकारी नहीं होने की बात कही। इस पर उन्हें समिति के समक्ष अपनी शिकायत करने कहा गया। साथ ही आयोग की तरफ से भी महिला आतंरिक परिवाद समिति को जांच और कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है। अध्यक्ष किरणमयी नायक ने कहा कि महिला कर्मी को आयोग की कार्रवाई की प्रति नि:शुल्क उपलब्ध कराया गया है।
आयोग अध्यक्ष ने बताया कि सभी सरकारी और गैर सरकारी संस्था के साथ ही निजी संस्थाओं में भी आंतरिक परिवाद समिति गठित करने का प्रावधान है। यदि किसी संस्थान में समिति का गठन नहीं किया जाता है, तो आयोग की तरफ से कार्रवाई करने का भी प्रावधान है। ऐसे में सभी संस्थानों को समिति का गठन करने के आदेश दिए गए हैं।
प्रारंभ होगी महतारी न्याय योजना
आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने बताया कि आयोग की कार्यप्रणाली और क्रियान्वयन के प्रति जनजागरूकता लाने के लिए महतारी न्याय योजना चलाने का फैसला लिया है। इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वीकृति और सहमति दे दी है। हर जिले में योजना चलाने और प्रचार-प्रसार के लिए डीएमएफ फंड से 10 लाख रुपए और पांच लाख रुपए देने के लिए कहा गया है। दुर्ग और कांकेर जिले ने राशि दे दी गई है। अभी बिलासपुर से राशि नहीं मिली है। ऐसे में मुख्यमंत्री से समय लेकर दुर्ग से इस योजना की शीघ्र ही शुरूआत की जाएगी।

