नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की पहचान मात्र दो घंटे में कर सकेगी यह किट, ICMR और RMRC ने किया डेव्हलप

नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के भारत में भी कई मामले सामने आए हैं। इस नए वैरिएंट ने दुनिया को चिंता में डाल दिया है। अभी तक इस नए वैरिएंट का पता लगाने के लिए लोगों के सैंपल लेकर उसे जीनोम सिक्वेसिंग के लिए भेजा जाता था, जिसकी रिपोर्ट आने में काफी वक्त लगता था। लेकिन असम के डिब्रूगढ़ में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और रिजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (RMRC) ने एक ऐसी किट बनाई है, जो कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का मात्र दो घंटे में पता लगा सकती है।

यह खबर उन यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत हो सकती है, जिन्हें नए वैरिएंट के जांच को लेकर एयरपोर्ट पर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बता दें कि आईसीएमआर डिब्रूगढ़ की टीम 24 नवंबर से इस किट पर काम कर रही थी। उन्होंने कोरोना रोगियों के 1,000 से अधिक सैंपल का परीक्षण किया है, जिनमें कुछ अन्य राज्यों के लोग भी शामिल हैं, जिनमें ओमाइक्रोन का नया वैरिएंट मिला था।  
वर्तमान में इस टेस्टिंग किट की लाइसेंसिंग प्रक्रिया चल रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले सप्ताह से यह किट लैब के लिए उपलब्ध होगी। सीनियर साइंटिस्ट डॉ विश्वज्योति बोरकाकोटी के नेतृत्व में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और रिजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिकों ने इस किट को  बनाया है।  
कोलकाता की एक कंपनी जीसीसी बायोटेक, पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर किट का निर्माण कर रही है। बता दें कि परीक्षण किट का उपयोग उन्ही प्रयोगशालाओं में किया जाना है जिनमें आरटी-पीसीआर सुविधा है।