दुर्ग (छत्तीसगढ़)। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राजेंद्र साहू ने कहा है कि फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत का देश की आजादी से संबंधित बयान पागलपन और मानसिक दिवालियापन के सिवा कुछ भी नहीं है। किसान आंदोलन में शामिल किसानों को आतंकवादी कह चुकी कंगना रनौत ने अब विवादास्पद बयान दिया है कि 1947 में देश को आजादी की भीख मिली थी। इस बयान से पता चलता है कि कंगना रनौत का मानसिक संतुलन पूरी तरह बिगड़ चुका है। अगर उनकी दिमागी हालत ठीक है तो ऐसे बयान के लिए कंगना के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए।
राजेंद्र ने सवाल किया कि कंगना रनौत के बयान से क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सहमत हैं? अगर सहमत नहीं है तो कंगना रनौत से पद्मश्री तत्काल वापस लेकर देश के अमर बलिदानियों का अपमान करने के मामले में राष्ट्रद्रोह का केस दर्ज कर जेल भेजने की कार्रवाई करें। सवाल यह भी है कि केंद्र की भाजपा सरकार ऐसे स्तरहीन बयानबाजी करने वालों को पद्मश्री से नवाज कर देश को क्या संदेश देना चाहती है।
राजेंद्र ने कहा कि कंगना ने मणिकर्णिका फिल्म में झांसी की रानी लक्ष्मी बाई का रोल निभाकर पैसा और शोहरत हासिल की। रानी लक्ष्मी बाई ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। उनके साथ देश के लाखों अमर शहीदों के बलिदान से देश को आजादी मिली, जिसे कंगना रनौत ने फर्जी आजादी करार दे दिया। गोडसे और सावरकर के मानने वालों ने आजादी के लिए नाखून तक नहीं कटाया। कंगना ने 2014 में ऐसे लोगों के राज में देश आजाद होने की बात कह रही है। यह मानसिक दिवालियापन नहीं तो और क्या है।
राजेंद्र ने कहा कि जिस समय देश को आजादी मिली, उस समय देश पूरी तरह बदहाल था। स्वतंत्रता मिलने के बाद देश के प्रधानमंत्रियों ने देश में तरक्की के रास्ते खोले। रोजगार के अवसर बढ़ाए। औद्योगिक, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में विकास किया। सिंचाई के साधन बढ़ाए गए। हरित क्रांति और श्वेत क्रांति से अनाज-दूध का उत्पादन बढ़ाया गया। देश का समग्र विकास किया।
2014 के बाद से केंद्र सरकार की नीतियों के कारण देश की सरकारी संपत्तियां बिकने लगी हैं। कार्पोरेट घरानों को देश की धरोहर बेची जा रही है। देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। महंगाई और बेरोजगारी बढ़ रही है। देश को रसातल में ले जाने वाले कार्यकाल को कंगना असली आजादी बता रही है। कंगना का बयान देश की अस्मिता को ठेस पहुंचाने वाला बयान है।
राजेंद्र ने कहा कि ऐसे पागलपन से भरे बयान देने वाली कंगना से पद्मश्री पुरस्कार तत्काल वापस लेना चाहिए और शहीद स्वतंत्रता सेनानियों के अपमान के मामले में राष्ट्रदोह का केस दर्ज किया जाना चाहिए। ताकि, भविष्य में देश के बलिदानियों के खिलाफ इस तरह की बयानबाजी कोई न कर सके। कंगना को देश के अमर शहीदों, स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवार से सार्वजनिक रूप से माफी मांगना चाहिए।