दिवाली महापर्व के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है। जिसके बाद गोवर्धन पूजा के अगले दिन भाई दूज पावन पर्व मनाया जाता है। भाई दूज भाई- बहन का त्योहार है। भाई दूज पर बहन भाई का तिलक करती है। भाई- बहन एक- दूसरे से सुख- दुख में साथ निभाने का वचन भी देते हैं। भाई दूज को यम द्वितिया के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक कथाओं के अनुसार भाई दूज के पावन दिन ही यमुना नदी ने अपने भाई यमराज को घर बुलाया था और तिलक किया था।
दीपावली के साथ ही भाई-बहन के पावन प्रेम की प्रतीक भाई द्वितीया का अपना विशेष महत्व है। बहनें इस पर्व पर भाई की मंगल कामना कर अपने को धन्य मानती हैं। उत्तर और मध्य भारत में यह पर्व मातृ द्वितीया भैया दूज के नाम से जाना जाता है, पूर्व में भाई-कोटा, पश्चिम में भाईबीज और भाऊबीज कहलाता है। इस पर्व पर बहनें प्रायः गोबर से मांडना बनाती हैं, उसमें चावल और हल्दी से चित्र बनाती हैं तथा सुपारी फल, पान, रोली, धूप, मिष्ठान आदि रखती हैं, दीप जलाती हैं। इस दिन यम द्वितीया की कथा भी सुनी जाती है।
भाई दूज 2021 शुभ मुहूर्त-
भाई दूज का त्योहार इस साल 6 नवंबर 2021, दिन शनिवार को है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन भाई को तिलक करने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से दोपहर 3 बजकर 21 मिनट तक है। शुभ मुहूर्त की कुल अवधि 2 घंटे 11 मिनट की है।

