दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नाबालिग किशोरी का एक साल तक शारीरिक शोषण करने वाले आरोपी युवक को विभिन्न धाराओं के तहत कुल 40 वर्ष के कारावास से दंडित किया गया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) नीरू सिंह की अदालत में आज सुनाया गया। प्रकरण की पीड़िता को प्रतिकर के रुप एक लाख रुपए की राशि प्रदान किए जाने का आदेश भी अदालत ने दिया है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार साहू ने पैरवी की थी।
मामला बोरी थाना क्षेत्र का है। पीड़ित किशोरी साढ़े 15 वर्ष की है। किशोरी का गांव के ही एक युवक से परिचय था। युवक किशोरी को शादी का झांसा देने के साथ धमकाकर शारीरिक संबंध बना रहा था। लगभग एक साल बाद किशोरी के पास से युवक द्वारा दिया गया मोबाइल परिजनों को मिलने पर इस बात का खुलासा हुआ। पूछताछ में किशोरी ने बताया कि आरोपी युवक गोपाल सागरवंशी (20 वर्ष) ने लगभग एक वर्ष पूर्व उसकी इच्छा के विरुद्ध गांव के खंडहर में जबरदस्ती ले जाकर शारीरिक संबंध बनाए थे। जिसके बाद वह प्रायः सूनेपन का फायदा उठाकर शारीरिक संबंध बनाने लगा था। इसी दौरान उसने किशोरी को एक मोबाइल भी दिया था, जिस पर जबरिया बात करने के लिए उस पर दबाव डालता था। इस मामले का खुलासा होने पर पीड़िता के परिजनों द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर आरोपी 11 अप्रैल 2020 को गिरफ्तार कर जेल दिया था। विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था।
प्रकरण पर विचारण विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) नीरू सिंह की अदालत में किया गया। विचारण पश्चात अभियुक्त गोपाल सागरवंशी (20 वर्ष) को पास्को एक्ट की धारा 5(ठ)/6 के तहत दोषी करार देते हुए 20 वर्ष कारावास व एक हजार रुपए अर्थदण्ड तथा दफा 376(3) के तहत 20 वर्ष कारावास व एक हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया गया। सभी सजाए साथ साथ चलेंगी। अभियुक्त गिरफ्तारी के बाद से फैसला सुनाए जाने तक जेल में ही निरुद्ध है।