अदालत का फैसला : बहु का दैहिक शोषण करने वाले अय्याश ससुर को मिली जिंदगी भर की कैद

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। ससुर-बहु के पवित्र रिश्ते को कलंकित करने वाले आरोपी ससुर के खिलाफ अदालत ने फैसला दिया है। अदालत ने आरोपी को जिंदगी की अंतिम सांस तक कारावास की सजा से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश मधु तिवारी की अदालत में सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर अपर लोक अभियोजक पूजा मोंगरी ने पैरवी की थी।

अपनी पुत्रवधु की अस्मत के साथ खिलवाड़ किए जाने का यह मामला रानीतराई थाना क्षेत्र का है। पीड़िता (20 वर्ष) का विवाह गांव के युवक के साथ फरवरी 2018 में हुआ था। विवाह के कुछ समय बाद से ही विवाहिता का ससुर (56 वर्ष) उस पर बुरी नियत रखने लगा था। विवाह के लगभग एक वर्ष बाद 26 फरवरी 2019 की रात को ससुर ने पीड़िता को कंधे में दर्द होने का हवाला देकर अपने कमरे में बुलाया और मलहम लगाने को दौरान उससे जबरदस्ती करने का प्रयास किया। पीड़िता द्वारा अपनी दादी सास को आवाज देने पर आरोपी ने उसे छोड़ दिया। जिसके दूसरे दिन 27 फरवरी को घर में परिवार के किसी भी सदस्य के न होने का फायदा उठाकर आरोपी अपने मंसूबे में कामयाब हो गया। ससुर द्वारा अनाचार किए जाने की जानकारी पीड़िता ने अपने पति को दी। जिस पर पति घर पर आया और पति और ससुर में इस बात को लेकर विवाद हुआ। जिसके बाद पति ने पुलिस में इसकी शिकायत करने का आश्वासन दिया, लेकिन शिकायत नहीं की। जिससे ससुर के हौसले बुलंद हो गए और वह आए दिन विवाहिता के साथ शारीरिक छेड़खानी करने लगा था। इन हरकतों की जानकारी मिलने पर पति विवाहिता को अपने साथ लेकर दूसरे गांव में जाकर रहने लगा। लगभग 5 माह बाद ससुर द्वारा आगे हरकत नहीं किए जाने का वादा मिलने पर पति विवाहिता को लेकर वापस अपने घर आ गया। जिसके बाद ससुर ने 12 अगस्त 2019 को फिर से बुरी नियत से उसके साथ शारीरिक छेड़खानी की। परेशान होकर विवाहिता ने जान देने की नियत से मिट्टी का तेल पी लिया था। जिसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। ठीक होने के कुछ बाद विवाहिता अपने मायके आ गई। जहां उसने अपने ससुर की हरकतों की जानकारी परिजनों को दी। जिसके बाद मामले की शिकायत 16 अगस्त 2019 को पुलिस में दर्ज कराई गई।
शिकायत के आधार पर रानीतराई पुलिस ने ससुर के खिलाफ जुर्म दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था। प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया गया। विचारण पश्चात न्यायाधीश मधु तिवारी ने आरोपी ससुर को अपनी पुत्रवधु के साथ जबरदस्ती करने का दोषी करार दिया। आरोपी को दफा 376(2)(च) के तहत दोषी करार देते हुए पूरे नैसर्गिक जीवन तक के कारावास की सजा व 5 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है। आरोपी ससुर मामले गिरफ्तारी के बाद से फैसला सुनाए जाने तक जेल में निरुद्ध है।