7 साल की मासूम से हैवानियत, युवक को मिली जिंदगी की अंतिम सांस तक कारावास की सजा

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। लगभग 7 साल की मासूम के साथ हैवानियत करने वाले आरोपी युवक को न्यायालय द्वारा जिंदगी की अंतिम सांस तक जेल में रखने जाने फैसला दिया है। आरोपी खेल रही मासूम को जबरिया अपने घर ले गया और उसके साथ अनाचार किया था। यह फैसला विशेष न्यायाधीश अविनाश के त्रिपाठी की अदालत में आज सुनाया गया। पीड़ित मासूम को साढ़े 6 लाख रुपए की राशि प्रतिकर राशि के रूप में दिए जाने का आदेश भी दिया है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की थी।

मामला रानीतराई थाना क्षेत्र की है। गांव की कक्षा दूसरी की छात्रा अपनी सहेली के साथ आरोपी के घर के पास खेल रही थी। आरोपी ने रोटी का लालच देकर उसे अपने पास बुलाया, रोटी लेने से इंकार करने पर आरोपी उसे जबरदस्ती अपने घर के अंदर ले गया और दरवाजा बंद कर अनाचार किया। जिसके बाद बच्ची रोते हुए निकली और अपने घर चली गई। घटना दिन को भय के कारण बच्ची ने उसके साथ हुई ज्यादती की जानकारी अपने परिजनों को नहीं दी। लगभग 4 दिनों बाद 27 मार्च 2019 को आरोपी कमल नारायण निर्मलकर (24 वर्ष) द्वारा की गई हरकत की जानकारी अपनी मां को दी। जिसके मामले की शिकायत पुलिस में की गई।
रानीतराई पुलिस ने आरोपी कमल नारायण के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था। प्रकरण पर विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश अविनाश के त्रिपाठी ने आरोपी को 7 वर्ष की मासूम के साथ अनाचार करने का दोषी पाया। अदालत ने अभियुक्त कमल नारायण निर्मलकर (24 वर्ष) को दफा 376 (क ख) के तहत पूरे प्राकृत जीवन तक के कारावास व 5 हजार रुपए अर्थदण्ड तथा दफा 506 (बी) के तहत एक वर्ष कारावास व 500 रूपए अर्थदण्ड से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया। मामले में गिरफ्तारी के बाद से अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने तक अभियुक्त जेल में ही निरुद्ध है।