मेडिकल स्टोर की आड़ में कर रहा था नशे का कारोबार, 12 साल कारावास के साथ लगा एक लाख का अर्थदण्ड

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मेडिकल दुकान की आड़ में नशा का कारोबार करने वाले दुकान संचालक को अदालत ने दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है। इस मामले में अभियुक्त को 12 साल के कारावास के साथ एक लाख रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (एनडीपीएस एक्ट) विवेक कुमार वर्मा की अदालत में आज दिया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजय कसार ने पैरवी की थी।

नशीली दवाओं का विक्रय किए जाने के इस मामले का खुलासा मोहन नगर पुलिस ने किया था। मुखबीर से मिली सूचना के आधार पर तितुरडीह में संचालित एक मेडिकल स्टोर में पुलिस ने 21 जनवरी 2018 को दबिश दी थी। दबिश में दुकान से भारी मात्रा में नशे में उपयोग आने वाली दवा व सिरप बरामद किए गए थे। इन दवाओं की मौजूदगी के संबंध में दुकान संचालक अजय कुमार चौहान (37 वर्ष) द्वारा वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए जा सके। पुलिस ने मेडिकल स्टोर से 75 नग विसकफ सिरप की 100 एमएल की शीशियां, 1120 स्पासो प्राक्सवेडन टेबलेट, 25 नग नाइट्रावेट-10 टेबलेट, 13 नग नाइट्रोसन-10 टेबल जब्त की थी। इस मामले में आरोपी अजय कुमार चौहान के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 22(स) तथा 27(क) के तहत कार्रवाई कर प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण विशेष न्यायाधीश (एनडीपीएस एक्ट) विवेक कुमार वर्मा की अदालत में किया गया। विचारण पश्चात न्यायाधीश से नशीली दवाओं को बिना वैध अनुमति व दस्तावेजों के अपने कब्जे में रखने का दोषी आरोपी को पाया। अपराध की गंभीरता को देखते हुए अभियुक्त अजय कुमार चौहान को अधिकतम सजा से दंडित किए जाने का निर्णय लिया। मामले में अभियुक्त को एनडीपीएस एक्ट की धारा 22 (स) के तहत दोषी करार देते 12 वर्ष के सश्रम कारावास तथा एक लाख रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया गया।
अदालत ने कहा इस प्रकार के अपराध समाज व देश को भी करते हैं प्रभावित
फैसला सुनाते हुए विशेष न्यायाधीश ने कहा कि इस प्रकार के अपराध के व्यक्ति को नहीं वरन परिवार, समाज व देश को भी प्रभावित करते है। समाज में युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति के साथ अन्य गंभीर अपराधिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देते हैं। इस स्थिति में अभियुक्त के प्रति नरम रुख अपनाना और कम सजा से दंडित किया जाना उचित नहीं होगा। इसलिए अभियुक्त को अधिकतम सजा से दंडित किया जाता है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनाया फैसला
प्रकरण का आरोपी वर्तमान में एनडीपीएस एक्ट के अन्य मामले में रायपुर जेल में निरुद्ध है। अभियुक्त की शारीरिक रूप से अदालत में उपस्थिति संभव नहीं होने की स्थिति में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यह फैसला सुनाया गया।