दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नियमितिकरण की मांग को लेकर आज विभिन्न विभागों व मंडलों में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों ने आज रविवार को जल सत्याग्रह किया। नियमितकिरण की मांग को लेकर कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ 11 जुलाई से मोर्चा खोल रखा है। छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंध के तहत आयोजित जल सत्याग्रह के दौरान प्रदर्शनकारी सरकार से अपना वादा निभाकर अनियमित कर्मचारियों का जल्द नियमितिकरण किए जाने की मांग कर रहे थे। दुर्ग में यह विरोध प्रदर्शन शहर के लुचकी तालाब में जिला अध्यक्ष खिलेश कलिहारी के नेतृत्व में किया गया।
जल सत्याग्रह के दौरान कर्मचारी सरकार विरोधी नारे लगाते रहे, जिसके बाद मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन अतिरिक्त तहसीलदार आनंद कुमार बंजारे को सौपा। ज्ञापन में नियमितिकरण के साथ 62 वर्ष की आयु तक नौकरी की सुरक्षा प्रदान करने, पिछले चार पांच वर्षो में सेवा से पृथक किए गए कर्मचारियों को वापस लेने, शासकीय सेवाओं में ऑउट सोर्सिंंग, ठेका प्रथा पूरी तरह समाप्त करने, अंशकालीन कर्मचारियों को पूर्णकालिक किए जाने तथा अनियमित कर्मचारियों के खिलाफ वर्ष 2018 में रायपुर में दर्ज कराई गई एफआईआर को वापस लिए जाने की मांग की गई है।
बता दें कि प्रदेश शासित कांग्रेस सरकार ने विधानसभा चुनाव के पूर्व अनियमित कर्मचारियों के नियमितिकरण करने का आश्वासन दिया था। इस आश्वासन को सरकार बनने के 10 दिनों के भीतर ही पूरा करने का वादा भी कांग्रेस ने किया था, लेकिन यह वादा अब तक पूरा नहीं किया गया है। संगठन जिला अध्यक्ष खिलेश कलिहारी ने बताया कि 14 फरवरी 2019 को आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदेश मुख्यमंत्री ने कहा था कि यह वर्ष किसानों का है। आगामी वर्ष में अनियमित कर्मचारियों का नियमितकरण कर दिया जाएगा। लेकिन इस घोषणा को अमल में लाने अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई प्रारंभ नहीं की गई है। जिससे अनियमित कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है और सरकार को जगाने के लिए चरणबद्ध तरीके से आंदोलन का मार्ग अखित्यार किया गया है। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व प्रथम चरण के तहत 11 जुलाई को मशौल रैली निकाली गई थी। 8 से 11 अगस्त तक अगस्त क्रांति सप्ताह मनाने का निर्णय लिया गया है। जिसके पहले दिन जल सत्याग्रह कर कर्मचारियों ने अपना विरोध जाहिर किया है।

