दुर्ग (छत्तीसगढ़)। जिले में खाद से मुनाफाखोरी पर रोक लगाने कृषि विभाग सक्रिय हुआ है। विभाग के अधिकारियों ने इस दौरान तीन विकासखंडो में खाद विक्रेताओं की दुकानों पर दबिश देकर स्टाक की जानकारी ली। निजी प्रतिष्ठानों द्वारा डीएपी एवं यूरिया खाद का स्टॉक कर मुनाफाखोरी ना हो, इसके मद्देनजर यह कार्रवाई की गई है।
विकासखंड दुर्ग के उर्वरक प्रतिष्ठानों का एसडीएम विनय पोयम, उपसंचालक कृषि एस.एस. राजपूत, जिला उर्वरक निरीक्षक सुचित्रा दरबारी, सहायक संचालक कृषि कुबेर सिंह, उर्वरक निरीक्षक अमित जोशी तथा अन्य कृषि अधिकारियों द्वारा आज उर्वरक संस्थानों में कालाबाजारी एवं अधिक दर पर उर्वरक विक्रय करने के संबंध में औचक निरीक्षण लिया गया। अधिकांश जगह शासन द्वारा निर्धारित दर पर उर्वरकों का विक्रय करना पाया गया। वहीं मेसर्स अग्रवाल कमर्शियल कंपनी दुर्ग, मेसर्स मधुबन ट्रेडर्स नगपुरा, मेसर्स ताम्रकार एग्रोटेक को अनियमितता पाए जाने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
इसी प्रकार उर्वरक निरीक्षक पाटन द्वारा 03 उर्वरक प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया एवं उर्वरक निरीक्षक धमधा द्वारा 05 उर्वरक प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया जिसमें से 01 विक्रेता मेसर्स एग्रोटेक बोरी को अनियमितता पाए जाने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) दुर्ग एवं उप संचालक कृषि द्वारा विक्रेताओं को उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 के प्रावधानों/नियमों का कड़ाई से पालन करते हुए समस्त दस्तावेज/अभिलेखों को संधारित कर नियमित रूप से इंद्राज करते हुए निर्देशित किया गया, साथ ही शासन के नियमानुसार उर्वरकों का विक्रय पीओएस मशीन के माध्यम से करने तथा उक्त प्रावधानों की अवहेलना की जाने की स्थिति में उर्वरक पंजीयन प्रमाण पत्र निलंबन/निरस्तीकरण की कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई।