दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नाबालिग किशोरी से प्रेम की पींगे बढ़ाना एक किशोरी को भारी पड़ा है। किशोर का अदालत ने नाबालिग का अपहरण करने और शादी का प्रलोभन देकर शारीरिक संबंध बनाने का दोषी करार दिया है। अभियुक्त को विभिन्न धाराओं के तहत अजीवन कारावास से दंडि़त किए जाने का फैसला विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) डॉ. ममता भोजवानी की अदालत में सुनाया गया है। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा ने पैरवी की थी।
मामला छावनी थाना क्षेत्र का है। थाना क्षेत्र के एक मोहल्ले के निवासी युवक बुधेलाल भारती (21 वर्ष) का प्रेम प्रसंग मोहल्ले की ही नाबालिग किशोरी के साथ था। 30 मई 2017 की सवेरे लगभग 10 बजे बुधेलाल किशोरी को अपने साथ भगा ले गया था। जिसकी शिकायत किशोरी के परिजनों द्वारा पुलिस में की गई थी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर युवती की पतासाजी कर 1 जून 2017 को किशोरी को आरोपी के कब्जें से बरामद किया गया था। जिसके बाद खुलासा हुआ कि आरोपी युवक किशोरी को शादी का झांसा देकर अपनी दादी के घर भगा ले गया था। जहां मंदिर में किशोरी की मांग भरकर उससे शादी की और घर में ले जाकर शारीरिक संबंध बनाए। इस मामले में युवक को 2 जून 2017 को गिरफ्तार कर पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया था। मामले को विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था।
प्रकरण पर विचारण विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) डॉ. ममता भोजवानी की अदालत में पेश किया गया। प्रकरण पर विचारण को दौरान पीडि़त किशोरी की उम्र लगभग 15 वर्ष होना प्रमाणित हुआ। किशोरी के 16 वर्ष की आयु से कम होने के मद्देनजर आरोपी बुधेलाल को दफा 376 के तहत आजीवन कारावास व 2,000रु. अर्थदंड़, 363 के तहत 7 वर्ष व 1000 रु. अर्थदंड एवं दफा 366 के तहत 10 वर्ष व 1000 रु. के अर्थदंड से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी।