दुर्ग (छत्तीसगढ़) आनंद राजपूत। ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित गौठानों में गौवंशों का संवर्धन नहीं किए जाने का आरोप राष्ट्रीय गौरक्षा वाहिनी ने लगाया हैं। वाहिनी के सदस्यों का आरोप है गौठानों में घूमंतु गौवंशों को संरक्षण दिए जाने के बजाए उन्हें गांव के बाहर खदेड़ दिया जा रहा है, जिससे तस्करी को बढ़ावा मिल रहा है। इस मुद्दे को लेकर वाहनी सदस्य मंगलवार को कलेक्टोरेट पहुंचे और आवश्यक कार्रवाई किए जाने की मांग की।
जिला संरक्षक अनिल दौलतानी ने समीपस्थ ग्राम पथर्रा का उदाहरण देते हुए बताया कि राज्य में निर्मित गौठान भ्रष्टाचार का अड्डा बन गए है। यहां गौवंशो के रख रखाव को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। गांव के घुमंतू पशुओं को गौठानों में नहीं रखा जा रहा है और रोका-छेका के नाम पर गांव के बाहर खदेड़ दिया जा रहा है। जहां से गौवंशो की तस्करी की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह स्थिति पूरे प्रदेश में बनीं हुई है और छत्तीसगढ़ गौ तस्करी का बड़ा केंद्र बन गया है। उन्होंने गौठानों में समस्त पशुओं को रखे जाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने की मांग की है, ताकि गौवंशो के दुर्घटनाओं का शिकार होने तथा तस्करी पर बचाया जा सके। इस दौरान वाहिनी जिला अध्यक्ष प्रिंस कसेर, उपाध्यक्ष उमेश कसेर सहित अन्य गौ-सेवक उपस्थित थे।
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