कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस का खतरा, मुख्यमंत्री बघेल ने कहा संक्रमण से लड़ने की जाए व्यवस्था

रायपुर (छत्तीसगढ़)। कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के बीच देश में एक नई बीमारी पैर पसार रही है। इस संक्रमण से मुकाबला करने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में ब्लैक फंगस के उपचार के लिए सभी जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिये हैं। 
ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) का संक्रमण आंखों पर हमला करता है। यह इतना खतरनाक है कि मरीज को जिंदा रखने के लिए कई बार उसकी आंखें ही निकालनी पड़ रही हैं। ब्लैक फंगस एक संक्रामक बीमारी है, लेकिन इसके पीछे की वजह स्टेरॉयड भी बताए जा रहे हैं।
ब्लैक फंगस एक फफूंद म्यूकोर से फैलती है, जो गीली सतहों पर पाया जाता है। यह सबसे ज्यादा आंख को प्रभावित करता है। साथ ही वह नाक और दिमाग को प्रभावित करता है। दिमाग के प्रभावित होने पर इसका इलाज बहुत मुश्किल हो जाता है। यह बहुत कम होने वाला संक्रमण है, लेकिन यह एक जानलेवा है।
ब्लैक फंगस आमतौर डायबिटीज के मरीजों को ज्यादा होती है। वहीं जो डायबिटीज से पीड़ित नहीं हैं उनमें यह संक्रमण बहुत ही कम पाया जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ब्लैक फंगस उन लोगों को संक्रमित कर रहा है। जो पहले से दवाइयां ले रहे हैं और हवा में मौजूद रोगाणुओं से लड़ने में कम सक्षम हैं। सांस लेने पर फफूंद फेफड़ों को संक्रमित कर देता है। यह कोविड-19 मरीज, डायबिटीज और कम प्रतिरोध क्षमता वाले लोगों को सबसे पहले और सबसे ज्यादा संक्रमित कर रहा है।
कई चिकित्सकों का कहना है कि उन्हें ब्लैक फंगस के जितने मरीज मिले हैं उनमें ज्यादातर वे मरीज थे जिन्होंने कोविड-19 बीमारी के दौरान स्टेरॉयड्स लिए थे। कई  चिकित्सकों का मानना है कि ब्लैक फंगस के ज्यादा फैलने की वजह स्टेरॉयड्स को सही तरीके से उपयोग में ना लाना है। इसके हर तरह के मरीज को लेने दिया गया जो सही नहीं था। स्टेरॉयड्स कोलंबे समय तक या ज्यादा डोज लेने से म्यूकोरमाइकोसिस हो सकता है।
बता दें कि वर्तमान मेें छत्तीसगढ़ राज्य में ब्लैक फंगस का संक्रमण होने की जानकारी प्राप्त हो रही है। जिसके रोकथाम हेतु पोसाकोनाजोल एवं एम्फोटेरसिन-बी औषधियों की आवश्यकता होती है, जिसकी नियमित एवं विधिवत् आपूर्ति किया जाना अतिआवश्यक है। मुख्यमंत्री के निर्देशों के परिपालन में छत्तीसगढ़ के खाद्य एवं औषधि प्रशासन नियंत्रक ने सभी जिलों में पदस्थ औषधि निरीक्षकों को अपने जिलों में औषधि पोसाकोनाजोल एवं एम्फोटेरेसिन-बी (समस्त डोसेज फाॅर्म, टेबलेट, सीरप, इंजेक्शन एवं लाइपोसोमल इंजेक्शन) की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किये हैं। 
खाद्य एवं औषधि प्रशासन नियंत्रक ने औषधि निरीक्षकों को निर्देशित किया है, कि वे अपने-अपने कार्यक्षेत्र के भीतर समस्त होलसेलर, स्टाॅकिस्ट, सीएंडएफ से उक्त औषधियों की वर्तमान में उपलब्ध मात्रा की जानकारी प्रतिदिन प्राप्त करें। औषधि निरीक्षक अपने क्षेत्र के सभी औषधि प्रतिष्ठानों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी करें।