दुर्ग (छत्तीसगढ़)। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने आज जिला पंचायत के सभा कक्ष में दुर्ग जिले से प्राप्त प्रकरणों की सुनवाई की। एक प्रकरण में आवेदिका के द्वारा प्रकरण वापस लेने की बात रखने पर पति-पत्नी को साथ रहने के निर्देश दिए गए। इस मामले में निगरानी के लिए एक अधिवक्ता को अधिकृत किया गया। 6 महीने तक अधिवक्ता इसकी निगरानी करेंगे। शांतिपूर्ण रहने पर मामला नस्तीबद्ध किया जाएगा। इन प्रकरणों की निगरानी एवं सुलह के लिए अधिवक्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है।
आज की सुनवाई में 24 प्रकरण आयोग के समक्ष रखे गए थे जिसमे 17 प्रकरणों में पक्षकार उपस्थित रहे। 7 प्रकरणों को नस्तीबद्ध किया गया। डॉ. नायक ने पक्षकारों की मौजूदगी में प्रकरणों के तथ्य और दोनों पक्षकारों के बयानों व अभिमत को सुनाए उन्होंने समझौता योग्य प्रकरणों में दोनों पक्षकारों की सहमति पर नस्तीबद्ध किया। दुर्ग में यह चीज विशेष रूप से देखने में आई है कि महिला आयोग की पहली नोटिस मिलने से ही अनावेदक गणों ने शिकायतकर्ता महिलाओं से तत्काल से समझौता किया।
पत्नी के अलग रहने की व्यवस्था कराएं पति
एक प्रकरण में पति पत्नी के बीच अनबन के मामले में सुनवाई की गई जिसमें आवेदिका पत्नी ने बताया कि उसका पति उस पर चोरी का आरोप लगाकर घर से निकाल दिया है। आवेदिका ने कहा कि वह अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती है। पिछले 6 साल से वह अपने पति के साथ समझौता के तौर पर रह रही है और वह आगे उनके साथ रहने को तैयार नहीं है। इस पर आयोग ने सुनवाई करते हुए कहा कि आवेदिका को अन्यत्र रहने के लिए किराये पर एक मकान के व्यवस्था अनावेदक पति के द्वारा किया जाए साथ ही भरण पोषण के लिए प्रतिमाह 10 हजार रुपए देगा। 6 माह दोनों की निगरानी नियमित रूप से की जाएगी। 6 माह पश्चात संबंध नहीं सुधरने पर आवेदिका चाहे तो तलाक के लिए न्यायालय में आवेदन कर सकती है।
पति को समझाइश पत्नी के गहनों को करें वापस
एक अन्य मामले में आवेदिका पत्नि के द्वारा आयोग को शिकायत किया गया है कि अनावेदक पति के द्वारा उनके पूरे गहनें को धोखे से अपने कब्जे में लेकर दुरूपयोग किया गया है। अनावेदक द्वारा कोई काम नहीं करने के साथ ही पत्नी सहित बच्चों को भी मानसिक प्रताडि़त किया जाता है। इस पर सुनवाई करते हुए कहा गया कि वह दो महिने तक 10 हजार रूपए आवेदिका को दे, साथ ही अपनी पत्नी के गहनों को लौटाए अथवा प्लाट को उसके नाम पर करे।
शराब नहीं छोडऩे पर पति को तलाक देने की अनुमति
पति द्वारा बहुत अधिक शराब का सेवन करने की पत्नी की शिकायत पर महिला आयोद ने पति को समझाइश दी। जिस पर पति ने नशाॉमुक्ति केंद्र में अपना इलाज कराने पर सहमति दी। पत्नी ने शिकायत की थी कि उसका पति बहुत ज्यादा नशा करता है और मेरे कारोबार और घर से भी पैसा छीनकर ले जाकर शराब पीता है। जिसके कारण जीवन दुरभर हो गया है, जिससे मैं तलाक चाहती हूं। अनावेदक का कथन है कि वह अपना नशे का आदत छोडने के लिए इलाज करवाने को तैयार है और इसके लिए अनावेदक को 3 माह का समय दिया जाता है। वह अपना नशे के मुक्ति के लिए स्वयं के व्यय पर इलाज हेतु नशा मुक्ति केन्द्र में भर्ती हो जिसकी सूचना आवेदिका को भेजेगा । नशा मुक्ति उपचार के दौरान आवेदिका अपने बच्चों के साथ जाकर बात कर सकेगी। इस 3 माह के दौरान अनावेदक आवेदिका के घरए कार्यस्थल पर नहीं जायेगा और किसी भी तरह से आवेदिका को परेशान नहीं करेगा। यदि अनावेदक इस शर्त का उल्लंघन करता है तो आवेदिका अनावेदक के खिलाफ थाना में लिखित शिकायत दर्ज करा सकेगी और अनावेदक के खिलाफ तलाक का मामला दर्ज करा सकती है।