रायपुर (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत आज छत्तीसगढ़ के 22 जिलों में विभिन्न धर्म व जातियों के 3 हजार 229 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। वैदिक मंत्रोच्चार और शहनाई की गूंज के बीच जोड़ों को विवाह संस्कार में बांधा गया। रायपुर के बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडिय़म में आयोजित समारोह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से शिरकत देकर नवदंपत्तियों को शुभकामनाएं दी। इसके साथ ही अन्य जिलों में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आर्शिवाद प्रदान किया।
रायपुर के समारोह में 233 जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराया गया। इनमें से तीन क्रिश्चयन और एक मुस्लिम जोड़े का विवाह उनके धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार कराया गया। समारोह में मुख्यमंत्री ने प्रतीकात्मक रूप से पांच जोड़ों को उपहार सामग्री और एक हजार रूपए का चेक प्रदान किया। इस अवसर पर कई जोड़ों ने मुख्यमंत्री के साथ सेल्फी लेकर अपने विवाह को यादगार बना लिया। मुख्यमंत्री ने सामूहिक विवाह में वर-वधुओं को बर्तन प्रदान करने के लिए रायपुर के कमलेश चोपड़ा और हाथ घड़ी प्रदान करने के लिए अंकित गांधी को जनसहयोग हेतु प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंडिय़ा, ससदीय सचिव रश्मि आशीष सिंह, छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, विधायक धरसींवा अनिता योगेन्द्र शर्मा, विधायक एवं छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, महापौर एजाज ढेबर, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन और राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल उपस्थित थे। कोण्डागांव के समारोह में राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम और विधायक मोहन मरकाम उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री बघेल ने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि माघी पुन्नी के शुभ अवसर पर वर-वधु विवाह बंधन में बंध रहे हैं। यह हमारा सौभाग्य है कि एक साथ बराती और घराती दोनों बनने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कन्यादान से बड़ा पुण्य और कोई नही है। वर्तमान समय में शादियों में होने वाले फिजूल खर्ची से लोग उकता चुके हैं। इसमें समय के साथ साधन का भी बहुत अपव्यय होता है। सामूहिक विवाह में शामिल होकर माता-पिता के साथ वर-वधुओं ने नया कदम उठाया है, इसके लिए मैं उन्हें बधाई देता हूॅ। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह के तहत पहले 15 हजार रूपए का प्रावधान था, जिसे बढ़ाकर हमने 25 हजार रूपए कर दिया। अब कई जाति, धर्म के लोग सहित बड़ी संख्या में आदिवासी लोग भी सामूहिक विवाह में शामिल होने लगे हैं। उन्होंने कहा कि विवाह में विवाहित जोड़े सात वचनों और साथ निभाने का वचन लेते हैं। मैं भी जिंदगी भर अपने परिवार के लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान देने का वचन वर-वधुओं विशेषकर वर से लेना चाहता हूॅ। वर पत्नी के साथ पूरे परिवार के सुपोषण का ध्यान रखे, क्योंकि माता के स्वस्थ होने से आने वाली पीढिय़ां भी स्वस्थ होंगी।
इस वर्ष 7600 का लक्ष्य
महिला एवं बाल विकास के सचिव शहला निगार ने बताया कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत इस वर्ष 7 हजार 600 विवाह कराने का लक्ष्य रखा गया है। इस समारोह में नारी निकेतन रायपुर में निवासरत कन्या का विवाह कराकर उसे समाज की मुख्यधारा से जोड़ा गया है। कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए 22 जिलों को वर्चुअल मोड से जोड़ा गया है।
गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 22 जिलों में एक साथ तीन हजार 229 जोड़ों के सामूहिक विवाह के आयोजन को गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया। इसकी घोषणा मंच पर गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड की ओर से सोनल राजेश शर्मा ने की।