नई दिल्ली। अमेरिकी संसद भवन कैपिटल हिल्स में 6 जनवरी को हुई हिंसा के बाद अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन किए जाने का सिलसिला जारी हैं। बुधवार को सोशल नेटवर्किंग ऐप स्नैपचैट ने ट्रंप पर हमेशा के लिए बैन लगा दिया। स्नैपचैट की ओर से कहा गया कि ट्रंप के खिलाफ हो रहे विरोध को देखते हुए कंपनी ने यह फैसला लिया है। बीते दिन ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव भी पारित हो गया है। 10 रिपब्लिकन सांसदों ने महाभियोग प्रस्ताव का समर्थन किया है।
स्नैपचैट को डर था कि डोनाल्ड ट्रंप अपने अकाउंट का इस्तेमाल कर अमेरिका के अगले राष्ट्रपति जो बाइडेन के सत्ता हस्तांतरण कार्यक्रम के दौरान और अधिक अशांति पैदा कर सकते हैं, लिहाजा उनके अकाउंट को हमेशा के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। पिछले हफ्ते स्नैपचैट ने ट्रंप के अकाउंट को अनिश्चितकालीन समय के लिए निलंबित कर दिया था।
सोशल नेटवर्किंग ऐप की ओर से कहा गया है कि सार्वजनिक सुरक्षा के हित में और गलत सूचना फैलाने, अभद्र भाषा और हिंसा को उकसाने के उनके (डोनाल्ड ट्रंप) प्रयासों के आधार पर, जो हमारे दिशा-निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है, हमने उनके अकाउंट को स्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है।
अटार्नी जनरल ने उठाए सवाल
ट्विटर, इंस्टाग्राम, फेसबुक, अमेजन, एप्पल, गूगल और यूट्यूब पर बैन किए जाने के बाद टेक्सास के अटार्नी जनरल केन पैक्सटन ने बुधवार को इन कंपनियों से पूछा कि ट्रंप को उनके प्लेटफॉर्म्स पर क्यों नहीं बने रहने दिया जाना चाहिए। पैक्सटन ने कंपनियों से उनकी सुरक्षा नीतियों को भी साझा करने के लिए कहा है।