रायपुर (छत्तीसगढ़)। जिले के आरंग विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पलौद की सरपंच तारिणी साहू की शिकायत पर मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया द्वारा त्वरित कार्रवाई की गई है। घूसखोरी की शिकायत के एक घंटे बाद ही मंत्री डहरिया मौका पर पहुंचे तकनीकी सहायक को गांव से हटा दिया और नए तकनीकी सहायक को जिम्मेदारी सौंप दी।
सरपंच को गांव में हो रहे निर्माण कार्य के गुणवत्ता एवं समय पर मूल्यांकन नहीं करने और मूल्यांकन के बदले पैसे की मांग को लेकर सरपंच को यहा के तकनीकी सहायक से शिकायत थी। इस संबंध में जब कुछ अधिकारियों से उन्होंने बात की तो उनकी शिकायत को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। इस बात से क्षुब्ध सरपंच ने क्षेत्र के विधायक और केबिनेट मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया के पास इंजीनियर द्वारा पैसे मांगने,कार्यों के मूल्यांकन में विलंब करने से मजदूरों को मजदूरी भुगतान में होने वाली देरी की शिकायत की। सुबह-सुबह मंत्री से शिकायत के बाद सरपंच ने सोचा भी नहीं था कि उसकी शिकायत पर घण्टे भर के भीतर कार्यवाही हो जाएगी। दोपहर को मंत्री डॉ डहरिया पलौद ग्राम पहुच गए और तकनीकी सहायक को गांव से हटाकर उसके स्थान पर नया तकनीकी सहायक पदस्थ करने का आदेश सरपंच के हाथों में दे आए। इस दौरान उन्होंने सरपंच से कहा कि यदि किसी विकास कार्य में गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं कराये जाते हैं तो इसकी शिकायत अवश्य करे। शिकायत सहीं और तथ्यात्मक हो ताकि किसी को हटाने की बजाय सस्पेंड की कार्यवाही की जा सके।
दरअसल यह मामला रायपुर जिले के ग्राम पलौद का है। अन्य क्षेत्रों की तरह यहां भी मंत्री डॉ डहरिया ने विभिन्न विकास कार्यों के लिए लाखों रुपए की स्वीकृति प्रदान की है। सरपंच की देखरेख में कार्य कराया जा रहा है। सरपंच ने अपनी शिकायत में इंजीनियर द्वारा कार्य के बदले पैसे मांगने और समय पर कार्यों का मूल्यांकन नहीं किए जाने पर मजदूरों का भुगतान लंबित होने की शिकायत करते हुए उक्त इंजीनियर को गाँव से हटाने और अन्य को पदस्थ करने की मांग मंत्री से की थी। मंत्री डॉ डहरिया की इस कार्यवाही से पलौद के सरपंच सहित ग्रामवासियों ने भी खुशी जताई। इस मामले में तकनीकी सहायक कुमारी शकुंतला बिंदिया के स्थान पर काजल श्रीवास को जिम्मेदारी दी गई है।