उच्च न्यायपालिका में पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग: अधिवक्ता परिषद ने राष्ट्रपति और मुख्य न्यायाधीश को सौंपा ज्ञापन

दुर्ग, 24 अप्रैल 2025। उच्च न्यायपालिका में हालिया घटनाओं के बाद अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद ने न्यायिक नियुक्तियों और आचरण की निगरानी प्रक्रिया को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। परिषद ने इस संबंध में 12-13 अप्रैल को विजयवाड़ा (आंध्रप्रदेश) में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव पारित किया था, जिसे आज दुर्ग जिला इकाई द्वारा जिलाधीश के माध्यम से राष्ट्रपति और सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को ज्ञापन के रूप में सौंपा गया।

ज्ञापन में यह मांग की गई है कि उच्च न्यायपालिका में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष कानून बनाया जाए जिससे न्यायिक आचरण की निगरानी प्रक्रिया मजबूत और निष्पक्ष बन सके।

इसके साथ ही परिषद ने हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों द्वारा 26 भारतीय नागरिकों की निर्मम हत्या की कड़े शब्दों में निंदा की और सरकार से दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की।

ज्ञापन सौंपने के दौरान अधिवक्ता परिषद दुर्ग इकाई के अध्यक्ष समीर त्रिपाठी, महामंत्री दीपेंद्र देशमुख, कोषाध्यक्ष लक्ष्मीकांत शर्मा, एम. कामाक्षम्मा, कविता गिरी गोस्वामी, स्नेहा वैद्य, मनोज मून, दानिश परवेज, जीवन कोटले, संजय चंद्राकर, टी.के. दुबे, वैभव तिवारी और अजय मिश्रा सहित अनेक अधिवक्ता मौजूद रहे।

यह जानकारी अधिवक्ता परिषद के कोषाध्यक्ष लक्ष्मीकांत शर्मा ने दी।

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