सरकारी कागजों में बन गई सीमेंट की सड़क, खोज रहे सैकडों ग्रामीण, PMO से मदद की दरकार

रीवा (मध्यप्रदेश) रीतेश तिवारी। जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर मऊगंज तहसील क्षेत्र के अंतर्गत गांव नौढिया प्रहलाद जहां 300 से ज्यादा ग्रामीण पिछले दो महीने से सरकारी सफेद कागज में बनी सीमेंट की सड़क की खोज में जुटे हुए है। गांव वालों का कहना है कि सरकारी रिकार्ड में सीमेंट की सड़क 2017 में ही बन चुकी थी। जिसकी जानकारी दो महीने पूर्व सरकारी रिकार्ड से मिली है, लेकिन जमीनी स्तर में कहीं सड़क नही दिख दे रही है, उसी की तलाश कर रहे है की आखिर सरकारी मुलाजीमो ने सड़क बनाई कहां पर है। दर्जियान टोला से निकल कर गांव वालों को मुख्य मार्ग तक जाने के लिए 2017-18 में पांच लाख की लागत से सीमेंट वाली सड़क और नाली निर्माण कराया गया था। बाकायदा मस्टर में श्रमिकों को 63 हजार का भुगतान भी किया गया। ये सब कार्य सरपंच सचिव और प्रशासनिक अधिकारियों की देख रेख में हुआ है । ऐसी सड़क का निर्माण हुआ जिसे सिर्फ अधिकारी ही देख रहे हैैं। गांव वालों को कहीं दूर तक सीमेंट की सड़क दिखाई ही नही दे रही है। उसी की तलाश अब ग्रामीण कर रहे है। बारिश के मौसम में लगभग 300 से ज्यादा ग्रामीण मुख्य सड़क तक जाने के लिए जिद्दोजहद कर रहे है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि आज तक गाव में कोई सीमेंट वाली सड़क या नाली नही बनी है सड़क के नाम पर सचिव सरपंच समेत अधिकारी पैसा खा कर कागज में सड़क बना दिये है। गाँव वालों ने इस पूरे मामले में कलेक्टर रीवा जिला सीईओ समेत सीएम शिवराज सिंह और पंचायत मंत्री से भी लिखित शिकायत कर चुके है, लेकिन दो महीने बीतने के बाद भी आज तक प्रशासन की और से जांच करने कोई सरकारी अफसर गांव नहीं पहुंचा। अब गाव वाले सीधे पीएमओ से लिखित शिकायत कर रहे है और अब इन्हें पीएमओ दफ्तर से ही कुछ उम्मीद है। गाव वालो का कहना है कि रीवा कलक्ट्रेट ऑफिस में कुछ कर्मचारी जो कलेक्टर से सीधे तौर पर सम्पर्क में है वो गांव के सरपंच सचिव के रिश्तेदार है जिसकी वजह से आज तक कोई कार्यवाही नही हुई है। ग्रामीणों की मांग है कि जल्द ही गांव में कागज वाली मोटी सड़क की खोज कर के जमीन पर सीमेंट वाली सड़क का निर्माण करा दिया जाय। जिससे हम सभी को आने जाने में परेशानी न हो और साथ ही भ्रष्ट कर्मचारियों अधिकारियों पर कार्यवाही की जाये।
यह क्षेत्र बीजेपी विधायक गिरीश गौतम का है और राज्य में सरकार भी फिलहाल बीजीपी की है। विधायक महोदय सिर्फ चुनावी माहौल के दौरान गांव तक आया करते थे। उसके बाद कभी दिखाई नही दिए है। अब गांव वाले कलेक्टर सीईओ सीएम क्षेत्रीय विधायक के बाद पीएमओ से सीमेंट वाली सड़क खोज में मदद की अपील कर रहे है । देखना होगा कि 300 से ज्यादा ग्रामीणों की यह समस्या कब तक मे खत्म होगी और सरकारी कागज में बनी सीमेंट वाली मोटी सड़क कब मिलेगी।