इंडिया-चाइना गतिरोध: चीन को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब, सीनियर अधिकारी ने दी चीन को चेतावनी

लद्दाख। सीमा पर जबसे भारत और चीन के बीच तनाव के हालात हैं, तभी से दोनों पक्षों ने कई बार वार्ताएँ की हैं। तनाव कम करने को लेकर सैन्य और राजनयिक दोनों स्तर पर बातचीत हो चुकी है। हालांकि, शुरुआती समय में कुछ हद तक बातचीत थोड़ी बहुत सफल हुई, जब चीनी सैनिक कुछ इलाकों से पीछे हटे, लेकिन एक बार फिर से चीनी सैनिकों ने पैंगोंग और कुछ अन्य इलाकों से पीछे हटने को मना कर दिया था। ऐसे में दोनों ही स्तर की वार्ताएँ पूरी तरह से सफल नहीं हो सकीं और तनाव में लगातार बढ़ोतरी जारी है। अब भारतीय सेना लद्दाख में लंबे समय तक रुकने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

लद्दाख में कई जगह ऐसी हैं जहाँ भारत और चीन की सेनाएँ एकदम आमने-सामने मौजूद हैं। हालांकि भारतीय सेना इतनी ऊंचाई पर मौजूद है कि किसी भी मुठभेड़ की स्थिति में चीनी सेना को काफ़ी नुक़सान हो सकता है।

एलएसी पर चीन के साथ तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। सीमा से सटे इलाकों में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की हर हरकत पर नज़र भारतीय सेना नज़र बनाए हुए है। बीते 20 दिनों में भारत और चीन के बीच उत्तरी पैंगोंग झील के समीप फायरिंग की कम से कम तीन घटनाएँ हुई हैं। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच 100-200 राउंड हवाई फायरिंग की गई। 45 साल में यह पहली बार है जब एलएसी पर फायरिंग की कोई घटना हुई हो।

सेना के सूत्रों ने कहा कि पहली घटना तब हुई जब भारतीय सेना ने 29-31 अगस्त के बीच दक्षिणी बैंक पंगोंग झील के पास ऊंचाइयों पर कब्जा करने की चीनी कोशिश को नाकाम कर दिया, जबकि दूसरी घटना 7 सितंबर को मुखपारी के पास हुई। सेना के सूत्रों ने कहा कि तीसरी घटना 8 सितंबर को पैंगोंग झील के उत्तरी तट के पास हुई थी। इस दौरान दोनों पक्षों के सैनिकों ने 100 से अधिक राउंड हवाई फायरिंग की थी। इस दौरान चीनी सेना बहुत आक्रामक तरीके से बर्ताव कर रही थी। यह घटना ऐसे समय में हुई थी जब शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के लिए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर मॉस्को में थे।

एक सीनियर आर्मी ऑफिसर ने कहा कि एलएसी पर डिप्लॉयमेंट लंबा चले यह हम नहीं चाहते हैं, लेकिन अगर ऐसी स्थिति बनी तो हम उसके लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि चीन को अगर प्रोटोकॉल का पालन करना है तो पूरी तरह करे और हर जगह फॉलो करे, सिर्फ़ चुनिंदा प्रोटोकॉल नहीं चल सकता। उन्होंने कहा इंडियन आर्मी हर तरह की परिस्थिति का सामना करने को तैयार है। गौरतलब है कि पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे में फिंगर एरिया पर चीन ने द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन किया है और अब जब पैंगोंग झील के दक्षिण किनारे में सभी अहम चोटियों पर तैनाती कर भारतीय सेना ने अपनी स्थिति काफ़ी मज़बूत कर ली है तो चीन अब प्रोटोकॉल की दुहाई दे रहा है।