साक्षरता प्रेरको को छत्तीसगढ़ संघर्षशील प्रेरक पंचायत कल्याण संघ ने की नियमित रोजगार देने की मांग

रायपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ संघर्षशील प्रेरक पंचायत कल्याण संघ द्वारा मुख्यमंत्री से साक्षरता प्रेरको को नियमित रोजगार उपलब्ध कराने की मांग की है। संगठन ने साक्षरता की अलख जगाने वाले प्रेरको को बेरोजगारी के चलते होने वाली कठिनाईयों का हवाला देते हुए इस पर शीघ्र निर्णय लेने की मांग की है।
संगठन ने कहा है कि प्रेरकों ने साक्षरता की गाँव से लेकर दूर दराज इलाकों में शिक्षा की अलख जगाने का महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन आज यही साक्षरता प्रेरक बेरोजगार होकर दुख-तकलीफ में जीवन यापन करने को मजबूर हैं। साक्षरता दिवस प्रेरकों के लिये काला दिवस बन गया है। क्योंकि जिस साक्षरता की रोशनी प्रेरकों ने पहुंचाई आज यही प्रेरक 2 साल से अंधेरे की गुमनामी में जीवन जी रहे हैं। प्रेरकों ने शिक्षा के साथ-साथ शासन प्रशासन की बड़ी से बड़ी महत्वकांक्षी योजनाओं का निष्ठापूर्वक योगदान दिये हैं लेकिन आज खुद प्रेरक बेरोजगार है, हम किस हाल में जी रहे हैं देखने पूछने वाला कोई नहीं है।
उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री हम प्रेरकों से किये हुए वायदे को पूरा कर नियमित रोजगार देने के बजाय साक्षरता दिवस मना के प्रेरकों की उपहास कर रहे हैं। जो प्रेरकों को अत्यंत पीड़ादायक है। इस पीड़ा से मुख्यमंत्री निजात दिलाए और 16802 प्रेरकों के साथ 84 हजार प्रेरक परिवार के लोगों को राहत प्रदान करे।