राष्ट्रीय खेल दिवस के दिन वर्ल्ड चेस ओलम्पियाड में भारत ने पहली बार गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा है। भारत और रूस को संयुक्त विजेता घोषित किया गया है। रूस ने 19वीं बार चैंपियनशिप हासिल की है। ऑनलाइन फाइनल मैच को करीब 1,00,000 लोगों ने देखा। फिडे राष्ट्रपति अर्कडी ड्वोर्कोविच ने दोनों देशों को विजेता घोषित करने का फैसला किया। बता दें कि सेमीफाइनल में भारत ने पोलैंड को हराते हुए फाइनल मे जगह बनाने में सफल रहा था। अब फाइनल में आधुनिक शतरंज का सुपर पावर कहे जाने वाले रूस के साथ संयूक्त विजेता बनकर भारत ने एक नया इतिहास लिखने में कामयाबी पाई है।
168 देशों ने लिया था हिस्सा
फाइनल के दौरन इंटरनेट फेल हो गया और इसकी वजह से फिडे को दोनों टीमों को संयुक्त विजेता घोषित करना पड़ा। 21 जुलाई से चल रहे इस ऑनलाइन टूर्नामेंट में 168 देशों ने हिस्सा लिया था।
इसलिए घोषित किया गया संयुक्त चैंपियन
भारत की चेस खिलाड़ी दिव्या देशमुख के मैच केे दौरान लगा कि उनका इंटरनेट कनेक्शन चला गया है और इस कारण से वह मैच हार हार गईं, लेकिन बाद में पता चला कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंटरनेट की गड़बड़ी थी। इस वजह से फिडे ने करीब एक घंटे के बाद प्रेसिडेंट और रूस के पूर्व उप-प्रधानमंत्री अकार्दि द्वोरकोविच ने भारत और रूस दोनों को संयुक्त विजेता घोषित कर दिया।
ऐसा रहा जीत का सफर
भारत ने सेमीफाइनल में कोनेरू हंपी के जरिए टाई ब्रेकर में जीत हासिल की थी। जबकि क्वार्टरफाइनल में आर्मेनिया के खिलाफ जीत दर्ज की थी, लेकिन उस मैच में एक बोर्ड इंटरनेट की वजह से बंद हो गया था। आर्मेनिया ने दूसरा मैच खेलने से इनकार कर दिया और भारत ने जीत दर्ज कर सेमीफाइनल में जगह बना ली। सेमीफाइनल से पहले भारत चीन को 4-2 से हराकर क्वार्टरफाइनल में पहुंचा था।