नई दिल्ली। एनईईटी-जेईई की सिंतबर माह में प्रस्तावित परीक्षा के खिलाफ 7 गैर बीजेपी शासित राज्य शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। इन सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के दौर में वे एनईईटी-जेईई परीक्षा कराने के केंद्र के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। बता दें कि एनईईटी की परीक्षा 13 सितंबर को प्रस्तावित है। वहीं जेईई की परीक्षा 1 से 6 सितंबर को होने वाली है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को एनईईटी और जेईई परीक्षा को लेकर 7 गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश सिंह बघेल, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, पुडुचेरी के सीएम नारायणसामी, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिस्सा लिया। ये सभी राज्य कोरोना काल में परीक्षा को टालने की मांग कर रहे हैं.
सोनिया के साथ बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई कि परीक्षा को लेकर पहले प्रधानमंत्री के पास जाया जाए या फिर सीधा सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जाए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि समय नहीं रह गया है इसलिए सीधे सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए।
अब सातों राज्य एनईईटी-जेईई परीक्षा को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बना चुके हैं। हालांकि महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से उनकी औपचारिक सहमति ली जानी बाकी है। उद्धव सरकार कोरोना संक्रमण के दौर में पहले ही इन परीक्षाओं के विरोध में हैं।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर एनईईटी और जेईई की प्रस्तावित परीक्षा रद्द करने की मांग की है। तमिलनाडु की विपक्षी पार्टी डीएमके ने भी कहा है कि केंद्र को इन परीक्षाओं को रद्द करना चाहिए और 12वीं के नंबर के आधार पर छात्रों को मेडिकल कॉलेज में दाखिला देना चाहिए।