बाल सम्प्रेक्षण गृह में निवासरत बच्चों के मानसिक विकास के लिए करायी जा रही साधना

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। किशोर न्याय अधिनियम के तहत संचालित बाल सम्प्रेक्षण गृह में निवासरत बालकों के स्वास्थ्य को सुधारने एवं उन्हे समाज की मुख्य धारा से जोड़ने हेतु कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर भूरे एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय यादव के निर्देश पर साधना व योग आरंभ कराया गया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन जैन द्वारा उक्त कार्यक्रम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रज्ञा मेश्राम के सहयोग से विपश्यना साधना केन्द्र थनौद के आचार्य के माध्यम से कराया जा रहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से संस्था में निवासरत बालकों को उक्त साधना के माध्यम से गलत कार्याें में सुधार कर, मनःपरिवर्तन करते हुए समाज की मुख्य धारा से जोड़ने तथा उनके उज्जवल भविष्य हेतु प्रयास किया जा रहा है। संस्थाओ में बार-बार अपराध कर आने वाले बच्चों की मनो स्थिति को देखते दुए तथा उनके अपराध करने की सोच को बदलने हेतु यह कार्यक्रम आयेजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम मे किशोरों की सोच को सकारात्मक रूप से बदलने हेतु साधना के साथ-साथ ज्ञान वर्धक फिल्में भी दिखायी जा  रही है। यह कार्यक्रम 29 जून से प्रारंभ किया गया है, जो आगामी सात दिवस तक प्रति दिन प्रातः 9 बजे से प्रारंभ होगी। कार्यक्रम में 29 जून को आचार्य द्वारा बच्चों को मन एकाग्र करना, गलत कार्य नही करना, झूठ नही बोलना बड़ो व छोटों का सम्मान करना आदि सिखाया गया। किशोरों का कार्यक्रम के प्रति मनोबल बढ़ाने हेतु 29 जून को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रज्ञा मेक्षाम, जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन जैन, जिला बाल संरक्षण अधिकारी प्रीती डांगरे, परीवीक्षा अधिकारी रामकुमार सुर्यवंशी व सम्प्रेक्षण गृह के समस्त कर्मचारी उपस्थिति रहे। संस्था में निवासरत बच्चों द्वारा भी अपनी रूचि दिखाते हुए कार्यक्रम में भाग लिया गया।