नई दिल्ली — हाल ही में यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी ने देश की सुरक्षा एजेंसियों को फिर से अलर्ट कर दिया है। उन पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को भारत की सैन्य जानकारियां लीक करने का आरोप है। इस घटना ने एक दशक पहले के मधुरी गुप्ता जासूसी कांड की यादें ताजा कर दी हैं, जिसमें एक भारतीय राजनयिक ने प्यार में पड़कर देश से गद्दारी कर दी थी।
कौन थीं मधुरी गुप्ता?
मधुरी गुप्ता 1980 के दशक में UPSC परीक्षा पास कर भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुई थीं। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से पढ़ाई की थी और इराक, लाइबेरिया, मलेशिया और क्रोएशिया जैसे देशों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। वर्ष 2007 में उन्हें पाकिस्तान के इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में सेकंड सेक्रेटरी (प्रेस एंड इंफॉर्मेशन) के पद पर तैनात किया गया।

इस्लामाबाद में पोस्टिंग के दौरान गुप्ता, उर्दू और सूफी कविताओं की शौकीन थीं। यहीं उनकी मुलाकात एक पाकिस्तानी पत्रकार के ज़रिए जमशेद उर्फ ‘जिम’ से हुई, जो असल में एक पाकिस्तानी जासूस था। दोनों के बीच जल्द ही करीबी बढ़ी और 52 वर्षीय मधुरी को 30 वर्षीय ISI एजेंट से प्रेम हो गया।
जासूसी और गिरफ्तारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मधुरी ने भारत की गोपनीय सैन्य जानकारियां, RAW की ऑपरेशन संबंधी जानकारी, भारत-अमेरिका खुफिया संबंधों की सूचनाएं और यहां तक कि 26/11 हमले की जांच से जुड़ी संवेदनशील फाइलें भी लीक कीं। इन जानकारियों के बदले उन्हें ISI की ओर से कई प्रलोभन दिए गए।
भारतीय एजेंसियों को 2009 के अंत में शक हुआ कि इस्लामाबाद हाई कमीशन से कोई जासूस ISI से जुड़ा हो सकता है। जांच में ईमेल मॉनिटरिंग और डिजिटल गतिविधियों से गुप्ता की पहचान हुई। अप्रैल 2010 में उन्हें SAARC सम्मेलन के बहाने भारत बुलाया गया और 21 अप्रैल को घर पहुंचने के बाद अगली सुबह दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
मुकदमा और सजा
2012 में गुप्ता पर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की धारा 3 और 5 के तहत मुकदमा चलाया गया। उन्हें 21 महीने तक तिहाड़ जेल में रखा गया और 2018 में दोषी करार देते हुए 3 साल की सजा सुनाई गई। हालांकि उनकी अपील दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित थी, जब अक्टूबर 2021 में 64 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया।
ज्योति मल्होत्रा का मामला भी चिंताजनक
अब ज्योति मल्होत्रा पर भी कुछ इसी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए ISI को संवेदनशील जानकारियां देने का आरोप है। जांच एजेंसियां उसकी भूमिका और संबंधों की गहराई से जांच कर रही हैं।
