बेंगलुरु, जिसे अक्सर “भारत का सिलिकॉन वैली” कहा जाता है, अपनी नवाचार भावना और उद्यमशीलता के लिए प्रसिद्ध है। यहां हर गली-मोहल्ले में तकनीकी कंपनियों की कहानियां सुनने को मिलती हैं, लेकिन इस बार एक ऑटो-ड्राइवर, सैमुअल क्रिस्टी, ने अपनी अनोखी सोच के चलते लोगों का ध्यान खींचा है।
सैमुअल, जो एक ग्रेजुएट हैं, ने अपने स्टार्टअप के लिए फंड जुटाने का नया तरीका अपनाया है। उन्होंने अपनी ऑटो-रिक्शा में एक पोस्टर लगाया है, जिसमें लिखा है:
“नमस्ते यात्री, मेरा नाम सैमुअल क्रिस्टी है। मैं एक ग्रेजुएट हूं और अपने स्टार्टअप बिजनेस आइडिया के लिए फंड जुटाने की कोशिश कर रहा हूं। अगर आप इसमें रुचि रखते हैं, तो मुझसे बात करें।”
यह पहल सोशल मीडिया पर तब चर्चा में आई जब इसे रेडिट पर साझा किया गया। इसे “पीक बेंगलुरु” का उदाहरण बताते हुए हजारों लोगों ने देखा और इस पर चर्चा शुरू कर दी। कुछ लोगों ने सैमुअल की इस कोशिश को सराहा और इसे बेंगलुरु की मजबूत उद्यमशीलता संस्कृति का प्रतीक बताया।
हालांकि, इस पोस्ट पर लोगों की राय बंटी हुई थी। कुछ ने सैमुअल की हिम्मत की तारीफ की, जबकि अन्य ने इसे एक संभावित धोखाधड़ी की घटना बताया। एक यूजर ने लिखा, “मुझे लगता है कि यह एक शानदार प्रयास है। आशा है कि वह कुछ अच्छा कर रहे हैं और सफल होंगे।” वहीं, एक और ने कहा, “अगर कोई स्टार्टअप करना चाहता है, तो मैं उसके विचार को महत्व दूंगा, न कि उसकी अंग्रेज़ी व्याकरण को।”
लेकिन कुछ लोगों ने पुरानी धोखाधड़ी की घटनाओं का हवाला देते हुए सतर्कता बरतने की सलाह दी। एक यूजर ने लिखा कि इससे पहले भी बेंगलुरु में ऑटो ड्राइवरों द्वारा फर्जी फंड जुटाने के मामले सामने आए हैं।
इस घटना ने बेंगलुरु की नवाचार और उद्यमशीलता की गहराई को एक बार फिर से उजागर किया है। अब देखना यह होगा कि सैमुअल क्रिस्टी का यह प्रयास उन्हें सफलता की ओर ले जाएगा या नहीं।