बेमेतरा (छत्तीसगढ़) अजीत राजपूत। विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सरदा में पेयजल संकट को लेकर ग्रामीणों में खासी नाराजगी है । आए दिन पावर पंप के जवाब देने से ग्रामीणों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है । वही जल जीवन मिशन के कार्यों में लेटलतीफी का भी खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है । ग्रामीणों के अनुसार करीब 2 साल में जल जीवन मिशन के कार्य पूर्ण नहीं हो पाए हैं।
केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना जल जीवन मिशन का उद्देश्य हर घर को नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति करना है लेकिन अधिकारी व ठेकेदारों की लेटलतीफी योजना के क्रियान्वयन पर भारी पड़ रही है।
इस संबंध में ग्रामीणों ने किसान नेता योगेश तिवारी से शिकायत कर जल संकट के निराकरण की मांग की है।
ग्रामीणों ने किसान नेता को बताया कि ग्राम सरदा में विगत 2 महीने से दिनोदिन जल संकट गहराता जा रहा है । इस सम्बंध में ग्राम पंचायत व पीएचई में बार-बार शिकायत के बावजूद समस्या के निराकरण को लेकर अब तक कोई कदम नही उठाए गए ।
समस्या को लेकर अधिकारी गंभीर नहीं
ग्राम सरदा की 5 हजार आबादी को 8 पावर पम्पो के माध्यम से जलापूर्ति की जा रही है । ग्रामीणों ने किसान नेता को बताया कि इनमें से ज्यादातर पावर पंप बंद पड़े हैं। आबादी के अनुपात में पंप से सप्लाई नाकाफी है। किसान नेता ने बताया कि सरदा के अलावा ग्राम पाहन्दा, हथपान, सिंगदेही, अतरगड़ी, आन्दू, देवरी, जौंग, भटगांव, साल्हेपुर, रामपुर, खर्रा, कुम्ही समेत अन्य गांवो में भी जल संकट गहराने लगा है। किसान नेता ने बताया कि समस्या के निराकरण के लिए सम्बंधित पीएचई के अधिकारियों से फोन पर सम्पर्क करने पर, कॉल रिसीव नही किया जाता है। उन्होंने जल जीवन मिशन के कार्य जल्द पूर्ण नहीं होने की स्थिति में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
डेढ़ किमी दूर से पानी ला रहे ग्रामीण
ग्रामीणों ने बताया कि पेयजल की व्यवस्था के कारण दैनिक दिनचर्या प्रभावित हो रही है। पेयजल के लिए अलसुबह और रात में गांव के महिला व पुरूष को करीब डेढ़ किलोमीटर दूर गौठान जाना पड़ता है। महिलाएं सारा काम छोड़कर पानी की व्यवस्था करने में लगी रहती हैं। ऐसी स्थिति में लोगो की प्रशासन के खिलाफ नाराजगी बढ़ती जा रही है। ग्रामीणों के अनुसार पंचायत व जिला प्रशासन पेयजल जैसी मूलभूत सुविधा देने मे नाकाम रहा है ।