5 साल की मासूम के साथ हैवानियत करने वाले युवक को फास्ट टे्रक कोर्ट ने जीवन भर कैद की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश शुभ्रा पचौरी की अदालत में यह फैसला बुधवार को सुनाया गया। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अति. लोक अभियोजक कमल वर्मा ने पैरवी की थी।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मासूम से हैवानियत की यह वारदात उतई थाना क्षेत्र की है। ग्राम के 23 वर्षीय प्रेमचद उर्फ रामू देशलहरे ने इस घटना को 22 फरवरी 2016 को अंजाम दिया था। पीडि़त मासूम घटना के दिन घर में अकेली थी। पिडि़ता का पिता काम पर गया था। दोपहर को मां भी नहाने चली गई थी। जिसका फायदा उठाकर आरोपी उसे बहला फुसला कर कोठा ले गया और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया। इसी दौरान पीडि़ता के चाचा के मौके पर पहुंचने पर वह मौके से फरार हो गया। पिता के लौटने पर मामूम के साथ हुई हैवानियत की जानकारी चाचा ने दी। जिसके बाद मामला पुलिस के पास पहुंचा। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर प्रकरण विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया था। प्रकरण पर विचारण फास्ट टे्रक कोर्ट में किया गया। विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश शुभ्रा पचौरी ने आरोपी प्रेमचंद उर्फ रामू को मासूम के साथ हैवानियत करने का दोषी पाया। आरोपी को धारा 376 (2) के तहत ताउम्र कारावास में रखे जाने की सजा सुनाई है। इसके अलावा पॉक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास से दंडि़त किया है। आरोपी पर कुल 6 हजार रु. अर्थदंड भी आरोपित किया गया है।