मध्यप्रदेश सरकार को राहत, नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को शीर्ष अदालत ने दी अनुमति

नई दिल्ली। देश की शीर्ष अदालत ने मध्य प्रदेश की सरकार को राहत प्रदान की है। शीर्ष अदालत ने प्रदेश के नगरीय व पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण दिए जाने की अनुमति प्रदान कर दी है। वहीं कोर्ट ने सरकार की बात मानते हुए 2022 के परिसीमन को मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने 1 हफ्ते के अंदर ओबीसी रिजर्वेशन देने का निर्देश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने निकाय चुनावों को लेकर सरकार के 2022 के परिसीमन को मंजूरी दे दी है। इसके चलते अब ओबीसी आरक्षण के साथ ही राज्य में पंचायत चुनाव होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और राज्य चुनाव आयोग को एक हफ्ते में पंचायत चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा है कि पंचायत चुनाव में आरक्षण 50 फीसदी से ऊपर नहीं जाना चाहिए।
इससे पहले 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने राज्‍य चुनाव आयोग से कहा था कि वो पंचायत चुनाव को लेकर 2 हफ्ते के अंदर अधिसूचना जारी करें। साथ सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि मध्यप्रदेश में बिना ओबीसी आरक्षण के ही स्थानीय निकाय के चुनाव होंगे। कोर्ट ने ये भी कहा था कि पिछले दो साल से स्थानीय निकायों के करीब 23 हजार पद खाली पड़े हैं। हर पांच साल में चुनाव कराना सरकार का संवैधानिक दायित्व है। आरक्षण के ट्रिपल टेस्ट को पूरा करने के लिए और समय नहीं दिया जा सकता।