आनलाइन मार्केटिंग : विदेशी कंपनियों की घुसपैठ के विरोध में हल्ला बोल अभियान की हुई शुरुआत

दुर्ग (छत्तीसगढ़) आनंद राजपूत। आनलाइन व्यापार से रिटेल व्यापारियों के कारोबार पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव के विरोध में व्यापारिक संगठन कैट तथा चेंबर आफ कामर्स ने संयुक्त रूप से हल्ला बोल प्रदर्शन प्रारंभ किया है। फेडरेशन आल आफ इंडिया के आव्हान पर यह प्रदर्शन 15 अक्टूबर तक जारी रहेगा। संगठन द्वारा ई-कॉमर्स पालिसी के तहत कांपिटिशन एक्ट को लागू किए जाने की मांग की जा रही है। व्यापारियों का आरोप है कि आनलाइन खरीदी में सस्ता सामान मिलने के कारण रिटेलर के समक्ष दुकानों को बंद करने की नौबत आ गई है।

इस मुद्दे को लेकर आज कैट तथा चेंबर आफ कामर्स के पदाधिकारियों का द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। दुर्ग कैट अध्यक्ष मोहम्मद अली इरानी ने बताया कि ई-कॉमर्स पालिसी के तहत काम्पिटिशन एक्ट की जांच करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था, लेकिन जांच को आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है। जिससे संस्था से जुड़े 8 करोड़ से अधिक व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं आनलाइन शापिंग में सस्ता सामान मिलने के कारण रिटेलर दुकानदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से कांपिटिशन एक्ट की जांच कर ई-कॉमर्स पालिसी को जल्द लागू करने की मांग की है। वहीं चेंबर आफ कामर्स अध्यक्ष प्रहलाद रूगंटा ने आनलाइन शापिंग के बढ़ते चलन पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी के समान विदेशी कंपनियां आनलाइन मार्केट के माध्यम से देश के कारोबार पर कब्जा जमा रही है। जिसके कारण देश के रिटेलर व्यापारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है और उनका व्यापार ठप्प हो गया है। देश से ई-कॉमर्स कंपनियों को बाहर निकालने के संकल्प के साथ 6 हजार करोड़ व्यापारियों ने यह आंदोलन प्रारंभ किया है और विदेशी आनलाइन कंपनियों पर रोक लगाए जाने के बाद ही आंदोलन पर विराम लगेगा। प्रदर्शन के दौरान कैट के प्रदेश उपाध्यक्ष पवन बड़जात्या भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।