अब और लॉक डाउन बर्दाश्त नहीं, जो व्यापारी पक्षधर वे स्वेच्छा से रखे अपनी दुकान बंद

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। लॉक डाउन के खिलाफ अब व्यापारियों का आक्रोश खुलकर सामने आने लगा है। मंगलवार को इससे नाराज व्यापारियों ने कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे को ज्ञापन सौंपकर लॉक डाउन और नहीं बढ़ाने की मांग की। व्यापारियों का कहना है कि बार-बार लॉक डाउन से व्यापारियों की स्थिति खराब हो गई है। व्यापारी आर्थिक और मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं। व्यापारियों ने कहा कि बेहद जरूरी हो तो दुकानों को स्वेच्छा से बंद रखने का विकल्प रखा जाएगा।
दुर्ग-भिलाई व्यापारी संघ के बैनरतले कलेक्टोरेट पहुंचे व्यापारी मेहरबान सिंह, सूरज शर्मा, ज्ञानेंद्र प्रजापति, विश्वरत्न सिन्हा ने बताया कि लॉक डाउन को लेकर निर्णय में जिला प्रशासन द्वारा छोटे व्यापारियों की लगातार अनदेखी की जा रही है। इससे बड़े व्यापारिक संगठनों के खिलाफ भी आक्रोश है। व्यापारियों ने बताया कि जो व्यापारी किराए की दुकान में व्यापार कर जीवनयापन करते है, वे दुकान का किराया कैसे दे यह बड़ा प्रश्न है। व्यापारी की देनदारी का मीटर चालू है लेकिन इनकम बन्द है। छोटा बड़ा हर स्तर का व्यापारी आर्थिक तौर पर गर्त में जा चुका है। आर्थिक तौर पर राज्य का व्यापार बर्बाद हो चुका है। इसमें अब सुधार के कदम उठाना जरूरी है। व्यापारियों ने कहा कि जो लॉक डाउन के पक्षधर हैं, ऐसे व्यापारी चाहें तो अपनी दुकानें बंद रख सकते हैं। लॉक डाउन नहीं बढ़ाने की मांग करने वालों में विकास गुप्ता, रोशन,पलाश, रोहित जितेंद्र, दीप लाल यादव, आदि नारायण, दिनेश साहू शामिल थे।

लॉक डाउन बढ़ा तो जाएंगे अदालत
नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने 30 सिंतबर के बाद लॉक डाउन बढ़ाने पर जिला प्रशासन के खिलाफ  कोर्ट में हलफनामा दाखिल करने का ऐलान किया है। उमरे ने कहा कि जिला व निगम प्रशासन अपनी जवाबदेही से बचने और लचर व्यवस्था पर पर्दा डालने के लिए अनियोजित तरीके से बार-बार लॉक डाउन कर रही है। लॉक डाउन की वजह से रोजमर्रा के काम से अपने घर का पेट पालने वाले निम्न वर्ग के लोगों के सामने बार बार बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इस तरह के अनियोजित लॉक डाउन से सबसे बुरी तरह गऱीब लोग प्रभावित हो रहे है। लॉक डाउन के बाद भी मरीजों के संख्या में कोई कमी नही आती। प्रशासन द्वारा जनता के अधिकारों का हनन कर घरों के भीतर रहने के लिए विवश किया जा रहा है जबकि सरकार खुद संक्रमण की रोकथाम को लेकर गंभीर नही है।