रायपुर में स्काई वॉक को लेकर सियासी घमासान, बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाए निर्माण में बाधा डालने के आरोप

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्काई वॉक परियोजना को लेकर एक बार फिर सियासी तूफान खड़ा हो गया है। भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस सरकार पर इस परियोजना को जानबूझकर रोकने के आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि स्काई वॉक का निर्माण जल्द ही पूरा किया जाएगा।

मूणत का कांग्रेस पर हमला

राजेश मूणत ने कहा कि साल 2016-17 में रायपुर के शास्त्री चौक से जय स्तंभ चौक और जय स्तंभ चौक से जेल तिराहा तक स्काई वॉक के निर्माण की योजना बनी थी। इसके लिए सर्वे, टेंडर प्रक्रिया और प्रेजेंटेशन तक हो चुके थे, लेकिन भूपेश बघेल सरकार ने सत्ता में आने के बाद इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया।

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ को लूटने और भूमि कब्जाने का काम किया। मूणत ने कहा कि जब-जब भाजपा ने विकास की बात की, कांग्रेस ने विवाद और बहस खड़ी की।

स्काई वॉक निर्माण की स्थिति

राजेश मूणत ने जानकारी दी कि स्काई वॉक की लंबाई 1.470 किमी है। इसमें 10 स्थानों पर सीढ़ियां, 8 जगह एस्केलेटर और 2 जगह लिफ्ट लगनी थीं। परियोजना की प्रारंभिक लागत 42.55 करोड़ रुपये थी, जो बाद में बढ़कर 81.69 करोड़ रुपये हो गई।

मेसर्स जीएस एक्सप्रेस लखनऊ को टेंडर मिला था और 8 महीने में निर्माण कार्य पूरा किया जाना था। लेकिन फंडिंग और मंजूरी को लेकर विवाद, तकनीकी संशोधनों और राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते यह योजना पिछले 7 सालों से अधूरी पड़ी है।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया और पूर्व के आरोप

कांग्रेस पहले ही इस योजना पर सवाल उठा चुकी है। कांग्रेस का कहना है कि पीएफआईसी (Public Finance Internal Committee) की मंजूरी के बिना परियोजना को आगे बढ़ाया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाए थे कि तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत ने बिना उचित प्रक्रिया के 12 बार संशोधन कराए, जिससे लागत में भारी बढ़ोतरी हुई।

क्या कहती है सर्वे रिपोर्ट

एसएन भावे एसोसिएट्स मुंबई द्वारा तैयार सर्वे में बताया गया था कि शास्त्री चौक से 27 हजार और मेकाहारा चौक से 14 हजार लोग रोजाना पैदल आते-जाते हैं। इस आधार पर स्काई वॉक को अत्यंत उपयोगी बताया गया था।

निष्कर्ष

रायपुर में स्काई वॉक अब राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है। एक तरफ बीजेपी इसका श्रेय लेना चाहती है, वहीं कांग्रेस इस परियोजना को वित्तीय और तकनीकी अनियमितताओं का उदाहरण बता रही है। फिलहाल जनता इस परियोजना के पूरे होने का सात साल से इंतजार कर रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *