बालोदबाज़ार। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज एक अलग ही रूप में नजर आए, जब उन्होंने बालोदबाज़ार जिले के बलडकछार गांव में जल संरक्षण के लिए बनाए जा रहे सोक पिट के निर्माण में स्वयं श्रमदान किया। हाथ में राजमिस्त्री का तसला और दूसरी ओर ईंट, मुख्यमंत्री ने ईंटें जोड़कर पानी बचाने के इस अभियान में अपनी भागीदारी दिखाई।
सशासन तिहार के अंतर्गत मुख्यमंत्री शुक्रवार को कसडोल क्षेत्र के कमार जनजाति बहुल गांव बलडकछार पहुंचे। यहां चल रहे “मोर गांव, मोर पानी” (माय विलेज, माय वॉटर) अभियान के तहत जल संचय वाहिनी द्वारा निर्मित हो रहे सोक पिट का उन्होंने निरीक्षण किया और खुद निर्माण कार्य में हाथ बंटाया।

मुख्यमंत्री ने जल संचय वाहिनी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि जल संकट से निपटने के लिए ऐसे प्रयास अत्यंत आवश्यक हैं।
इस दौरान जल संचय वाहिनी की सदस्य ललिता ध्रुव ने बताया कि गांव में अब तक 10 ट्यूबवेलों के पास सोक पिट बनाए जा चुके हैं। साथ ही तालाबों की सफाई, रैली, दीवार लेखन और जल संचयन प्रणाली को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि 24 अप्रैल 2025, पंचायती राज दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अभियान की शुरुआत की थी। अब तक बालोदबाजार-भाटापारा जिले की 519 ग्राम पंचायतों में 2500 सोक पिट का निर्माण पूरा किया जा चुका है और 1291 तालाबों की सफाई की गई है।
जल संरक्षण को लेकर गांव स्तर पर ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति की बैठकें आयोजित की जा रही हैं, जिनमें वर्षा जल संग्रहण के निर्माण कार्यों के प्रस्तावों पर चर्चा की जा रही है। साथ ही भौतिक सत्यापन भी ग्रामीणों द्वारा किया जा रहा है।
प्रत्येक पंचायत में दो जल संचयन वाहिनी गठित की गई हैं जो ग्रामीणों को पानी बचाने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
मुख्यमंत्री का यह श्रमदान एक प्रेरक संदेश है कि जल बचाने की मुहिम केवल सरकारी काम नहीं, बल्कि जनभागीदारी से ही संभव है।
