जिले के कई इलाकों में बिजली विभाग द्वारा लगाए गए स्मार्ट मीटर अब उपभोक्ताओं के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं। जिन घरों में ये स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, वहां के लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि दो महीने तक कोई बिजली बिल नहीं आया, लेकिन अप्रैल माह में अचानक 30 हजार रुपये तक का भारी-भरकम बिल थमा दिया गया।
खजुरी नवागांव के सरपंच मनोज तिवारी ने बताया कि जनवरी माह में बिजली विभाग के कर्मचारियों ने पुराने चलते हुए मीटर को हटाकर स्मार्ट मीटर लगा दिया था। इसके बाद फरवरी में एक बार बिल आया, लेकिन मार्च का कोई बिल नहीं मिला। जब उपभोक्ता यह सोच ही रहे थे कि बिल कब आएगा, तो अप्रैल में अचानक 30 हजार रुपये का बिल भेज दिया गया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले उनके बिजली बिल 300 से 400 रुपये तक आते थे, लेकिन स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली खपत 15 से 20 गुना तक बढ़ गई है। इससे उन्हें आर्थिक रूप से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बिजली विभाग का कहना है कि स्मार्ट मीटर बिजली चोरी रोकने और बिलिंग प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए लगाए जा रहे हैं। हालांकि, अचानक इतनी बड़ी राशि के बिल आने पर विभाग को उपभोक्ताओं की शिकायतों को गंभीरता से लेना चाहिए और इसकी तकनीकी जांच करानी चाहिए।
