छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (PSC) के पूर्व अध्यक्ष तमन सिंह सोनवानी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। सोनवानी पर राज्य सेवा परीक्षा में अनियमितताओं और प्रश्नपत्र लीक कराने का गंभीर आरोप है।
न्यायमूर्ति बिभु दत्ता गुरु की अदालत ने कहा कि,

“प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक कराना लाखों युवाओं के करियर और भविष्य के साथ खेलना है। यह हत्या के अपराध से भी अधिक घातक है। हत्या से एक परिवार प्रभावित होता है, लेकिन करियर बर्बाद कर समाज के बड़े हिस्से को नुकसान पहुंचाया जाता है।”
कोर्ट का कड़ा रुख:
कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार का कृत्य “फसल को चरने वाली बाड़” जैसा है और आरोपों को किसी भी दृष्टिकोण से साधारण नहीं माना जा सकता। ऐसे आरोपों के साथ किसी भी तरह की राहत देना समाज के प्रति अन्याय होगा।
कानूनी धाराएँ:
तमन सिंह सोनवानी पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 483 और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120बी (षड्यंत्र) व 420 (धोखाधड़ी), तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धाराओं के तहत आरोप दर्ज हैं।
पृष्ठभूमि:
इस मामले में आरोप है कि परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक कर करोड़ों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। इस घोटाले ने पूरे राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- आदेश 17 अप्रैल 2025 को सुरक्षित रखा गया था।
- कोर्ट ने समाज में ऐसे अपराधों के दुष्परिणाम को बेहद गंभीर बताते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया।
- मामले में आगे भी कई खुलासे और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
